Asha Singh Suryavanshi (Meet The Teachers 2020) : Innovative Efforts in Education
Asha Singh Suryavanshi (Meet The Teachers 2020): Innovative Efforts in Education
Asha Singh Suryavanshi (Meet The Teachers 2020)

शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए नित नई योजनाएं तैयार किए जा रहे हैं। हम बच्चों को 21वीं सदी की शिक्षा की ओर अग्रसर कर रहे हैं।
शिक्षा की सारी सुविधाओं योजनाओं के बाद भी बीहड़ वनांचल क्षेत्र में शिक्षा गुणवत्ता स्तर कम है। ग्रामीण अपने गृह कार्य के लिए बच्चे को विद्यालय नहीं भेजते या फिर आर्थिक रूप से कमजोर और शिक्षा के प्रति जागरूकता के अभाव में बच्चों के अध्यापन पर ध्यान नहीं देते आदिमानव की तरह जीवन यापन करते हैं।
इन विपरीत परिस्थितियों में शिक्षिका Asha Singh Suryavanshi द्वारा अपने विद्यालय प्राथमिक शाला खेतार पारा विकासखंड कोरबा जिला कोरबा छत्तीसगढ़ अपने नवाचार द्वारा शिक्षा गुणवत्ता के लिए कार्यरत है।
“कोशिश: एक मुस्कान की” अभियान के अंतर्गत शिक्षिका Asha Singh Suryavanshi अपने विद्यालय, प्राथमिक शाला खेतारपारा, विकासखंड कोरबा, जिला कोरबा (छत्तीसगढ़) में शिक्षा की अलख जगाने के लिए सराहनीय प्रयास कर रही हैं। आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए शिक्षिका ने अपने वेतन से ही शिक्षण सामग्री, गणवेश, जूते, मोजे, टाई, बेल्ट आदि का वितरण किया है ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
Asha Singh Suryavanshi न केवल बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रही हैं, बल्कि विद्यालय और समुदाय के बीच मजबूत सेतु भी बना रही हैं। उन्होंने विद्यालय ग्राम के बुजुर्गों और पालकों को विद्यालय से जोड़कर उनका सम्मान किया है, जिससे उन्हें यह एहसास हो कि वे भी विद्यालय परिवार का हिस्सा हैं।
इसके अलावा, उन्होंने पुलिस विभाग, वन विभाग और समाजसेवी संस्थाओं के सदस्यों को विद्यालय के विभिन्न कार्यक्रमों में आमंत्रित कर ग्रामीण समुदाय को शिक्षा के महत्व से जोड़ा है। इससे न केवल विद्यालय का माहौल समृद्ध हुआ है, बल्कि ग्रामीण समुदाय में शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है।
सिर्फ विद्यालय के बच्चों तक ही सीमित न रहते हुए, उन्होंने अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी छोटे बच्चों को शिक्षण सामग्री वितरित कर शिक्षा की नींव मजबूत करने का कार्य किया है।
उनका यह समर्पण और निष्ठा यह दर्शाती है कि यदि एक शिक्षक ठान ले तो शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। “कोशिश: एक मुस्कान की” वास्तव में एक सकारात्मक आंदोलन बनकर उभरा है, जिसने बच्चों और समाज दोनों में शिक्षा के प्रति नई जागरूकता पैदा की है।
कोरोना काल में शिक्षिका Asha Singh Suryavanshi ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य का निर्वहन बड़ी ही निष्ठा और समर्पण से किया। चूंकि उनका विद्यालय वनांचल क्षेत्र में स्थित है, जहां नेटवर्क की समस्या रहती है और अधिकांश पालकों के पास स्मार्टफोन अथवा मोबाइल सुविधा उपलब्ध नहीं है, अतः बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हो रहे थे। ऐसे समय में शिक्षिका Asha Singh Suryavanshi ने यह ठाना कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने मोहल्ला क्लास लगाकर बच्चों को उनके मोहल्ले में ही एकत्रित कर अध्यापन कार्य प्रारंभ किया, ताकि सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके।
इसके अतिरिक्त, कोरोना काल में उन्होंने केवल अपने विद्यालय के ही नहीं, बल्कि अन्य विद्यालयों के बच्चों के लिए भी वेबैक्स के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कीं, जिससे बच्चों की पढ़ाई का क्रम बना रहा। यह शिक्षिका की दूरदृष्टि और सेवा भाव को दर्शाता है।
उक्त विद्यालय हाथी प्रभावित बीहड़ वनांचल क्षेत्र में स्थित है, जहां का रास्ता अत्यंत दुर्गम है। विद्यालय तक पहुँचने का रास्ता पथरीला, जर्जर और टूटे पुलों से होकर गुजरता है। ऐसी विषम परिस्थितियों में भी शिक्षिका Asha Singh Suryavanshi ने हार नहीं मानी। वे अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहीं और शिक्षा की अलख जगाने के लिए हर कठिनाई को पार कर विद्यालय तक पहुँचीं।
उनकी कर्मठता और समर्पण यह प्रमाणित करता है कि जब एक शिक्षक शिक्षा को अपना धर्म मानकर कार्य करता है, तो किसी भी परिस्थिति में बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं रहने देता। शिक्षिका आशा सिंह सूर्यवंशी सचमुच शिक्षा की ज्योति को हर अंधेरे में जलाए रखने वाली शिक्षादूत हैं।
Meet The Teachers
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