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Shabnam Bhartiya: A Dedicated Educator and Social Reformer

Shabnam Bhartiya: शिक्षा और सामाजिक सेवा की प्रेरणा

Shabnam Bhartiya
Shabnam Bhartiya

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Shabnam Bhartiya, एक नवाचारी अध्यापिका, विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए समर्पित हैं और भारतीय शिक्षण को अपना धर्म मानती हैं। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में ओपन आर्ट गैलरी के रूप में प्रसिद्ध फतेहपुर, जिला सीकर में जन्मीं Shabnam Bhartiya को प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षा प्रेमी, दलितोद्धारक, नारी शिक्षा प्रेमी और स्वतंत्रता सेनानी श्री सादिक भारतीय की पुत्री होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने तीन भाषाओं में एम.ए. किया और पीएच.डी. (अधूरी) तक अपनी शैक्षिक यात्रा को आगे बढ़ाया।

शिक्षण करियर की शुरुआत

Shabnam Bhartiya की पहली नियुक्ति वर्ष 2005 में आर.पी.एस.सी. के माध्यम से राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गौरस में हुई। अगले दो वर्षों तक उन्होंने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अपनी सेवाएँ दीं, जहाँ उनके हिंदी और संस्कृत शिक्षण की स्थानीय लोगों और स्टाफ ने खुले दिल से सराहना की।

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में योगदान

वर्ष 2008 में उनकी नियुक्ति प्रधानाध्यापिका के रूप में राजकीय कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, फतेहपुर में हुई। उस समय विद्यालय में केवल 10 बालिकाएँ थीं। Shabnam Bhartiya ने घर-घर और गाँव-गाँव जाकर अभिभावकों को प्रेरित किया और विद्यालय में बालिकाओं का नामांकन 10 से बढ़ाकर 100 तक पहुँचाया। इस उपलब्धि के लिए उन्हें 2011 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर सीकर जिला कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया गया।

24 घंटे समर्पित भाव से सेवा देकर उन्होंने विद्यालय को प्रसिद्धि के शिखर तक पहुँचाया। शैक्षिक भ्रमण, खेल-कूद, प्रतियोगिताएँ, और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से विद्यालय ने राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त किए।

शैक्षिक संसाधनों का विकास

Shabnam Bhartiya ने स्टाफ और भामाशाहों को प्रेरित कर बच्चों के लिए शैक्षिक और अन्य संसाधन उपलब्ध करवाए, जो सभी के लिए अनुकरणीय है। स्वयं भामाशाह बनकर उन्होंने विद्यालयों को प्रोजेक्टर, स्कैनर, ओवन, ग्रीन बोर्ड, नोटिस बोर्ड आदि उपलब्ध करवाए। वे अपने क्षेत्र में प्रोजेक्टर और कंप्यूटर के माध्यम से स्मार्ट क्लास शुरू करने वाली पहली अध्यापिका बनीं।

वर्तमान कार्यस्थल: मंडेला छोटा

वर्तमान में Shabnam Bhartiya राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मंडेला छोटा में कार्यरत हैं, जहाँ उन्होंने भामाशाहों के सहयोग से लगभग 5 लाख रुपये के कार्य करवाए, जिनमें रंग-रोगन, पेंटिंग, सी.सी. कैमरे, फर्नीचर, जलघर, टीन शेड आदि शामिल हैं।

प्रशिक्षण और नेतृत्व

वे किशोरी मेला और मीना मंच-अध्यापिका मंच की राजस्थान स्तर की KRP रही हैं। साथ ही, SIQUE, CCE, और आत्मरक्षा प्रशिक्षण की जिला मास्टर ट्रेनर भी हैं। वर्ष 2019 में राज्य सरकार द्वारा जिला स्तर पर प्राप्त 11,000 रुपये की सम्मान राशि उन्होंने विद्यालय विकास के लिए दान कर एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। वे 2020 में नवोदय क्रांति परिवार भारत की नेशनल अवॉर्डी भी हैं।

विविध क्षेत्रों में योगदान

Shabnam Bhartiya ने विद्यालय विकास, सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, सामाजिक चेतना, मतदाता जागरूकता, बालिका शिक्षा, शिक्षण सहभागी गतिविधियाँ, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, समाज सेवा, चित्रकला, विज्ञान प्रतियोगिता, स्काउट गाइड, वोकेशनल ट्रेनिंग, नामांकन अभियान, मीना मंच, और बाल सभा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए परिवहन की व्यवस्था भी भामाशाहों के सहयोग से सुनिश्चित की।

नवाचारी पहल

उन्होंने विद्यालय में ‘एक रुपया अभियान’, ‘स्टार ऑफ द वीक’, ‘स्टार ऑफ द मंथ’, ‘सुपर मॉम’, ‘वस्त्र बैंक’, ‘स्टेशनरी बैंक’, और ‘हर हाथ कलम अभियान’ जैसे गैर-शैक्षिक नवाचार शुरू किए, जो अत्यंत सफल रहे। अपने जन्मदिन पर प्रतिवर्ष एक बच्चे को गोद लेकर उसकी शिक्षा का खर्च उठाने की शुरुआत की और स्टाफ को भी इसके लिए प्रेरित किया।

शिक्षण में नवाचार

खेल-खेल में शिक्षा, शून्य निवेश शिक्षा, टी.एल.एम. के साथ शिक्षण, और करके सीखने जैसी विधियों से उन्होंने शिक्षण को प्रभावी और रोचक बनाया। वे प्रार्थना सभा को रोचक और प्रेरणादायक बनाने पर विशेष ध्यान देती हैं, क्योंकि वे मानती हैं कि प्रार्थना सभा विद्यालय का आइना होती है और पूरे दिन के शिक्षण को प्रभावित करती है।

लेखन और प्रकाशन

लेखन और अध्ययन में उनकी गहरी रुचि है, यही कारण है कि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनके लेख और कविताएँ प्रकाशित होती रहती हैं।

कोरोना संकट में योगदान

वैश्विक कोरोना संकट के दौरान Shabnam Bhartiya ने रोग से बचाव के लिए जागरूकता फैलाई और जरूरतमंदों के लिए राशन किट, साबुन, और प्रतिदिन औसतन 300 भोजन किट वितरित किए। उन्होंने स्वयं मास्क बनाकरफतेहपुर जेल के कैदियों और स्कूल अभिभावकों को प्रदान किए। Shabnam Bhartiya एक सच्ची कोरोना योद्धा और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पित अध्यापिका हैं।

Meet The Teachers

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