Neelu Rathore

Neelu Rathore (Meet The Teachers 2020): बदलाव की कहानी

Neelu Rathore (Meet The Teachers 2020): बदलाव की कहानी

Neelu Rathore
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Neelu Rathore (Meet The Teachers 2020): बदलाव की कहानी

राजस्थान के झालावाड़ जिले के अकलेरा ब्लॉक में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खुरी में शिक्षिका Neelu Rathore 2016 में स्टाफिंग पैटर्न से स्थानांतरित होकर आयी। उन्होंने देखा कि उनका विद्यालय में भी अन्य विद्यालय की तरह ही भौतिक सुख सुविधाओं का अभाव था। परन्तु ग्रामीण क्षेत्र से उनका अत्यंत लगाव हमेशा से रहा है इसलिये गांव के माहौल को समझने में उन्हें ज़रा भी देर नहीं हुई।

उन्होंने गांव के घर घर में जाकर ग्राम सर्वे करके गांव की साक्षरता दर पता लगायी, जब वो विद्यालय में आई थी तब विद्यालय में नामांकन 69 था। स्टॉफ की मदद से गांव वालों को समझा कर विद्यालय हित मे कार्य कर ही रही थी कि 2016 में उनका जो भी पुराना स्टॉफ था उनका धीरे धीरे स्थानांतरण हो गया। विद्यालय की जिम्मेदारी अकेले उन पर आ गयी।। नवीन पदस्थापन से 2 शिक्षिकाएं विद्यालय में जरूर थी परंतु वो अभी नई थी गांव के वातावरण से ज्यादा परिचित नही थी। इसलिए Neelu Rathore शिक्षिका ने कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका का चार्ज ग्रहण किया।

गाँव के माहौल से वो जरा नही घबराई उन्होंने तो अपना लक्ष्य जैसे तय कर ही किया था । 2018 के बाद से स्कूल के हालात बदलने लगे। कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका Neelu Rathore की मेहनत से न केवल स्कूल की बल्कि बच्चो की भी कायाकल्प हो गयी। ग्राम सर्वे करके घर घर जाकर अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने लगीं। उसका परिणाम ये हुआ कि विद्यालय का नामांकन ओर ठहराव दोनों ही बढ़ने लगा।

Neelu Rathore जब से यहाँ प्रधानाध्यापिका बनी है तब से विद्यालय में बच्चो की शिक्षण व्यवस्था में बहुत ही सुधार हुआ है। विद्यालय में आकर्षक पुताई। मैन गेट व अन्य कमरों के गेट की पुताई कई सालो के बाद Neelu Rathore ने ही करवायी। बच्चो के लिए विद्यालय में आकर्षक पेंटिंग करवाई गयी है। स्टाफ की मदद से शानदार पुताई करवाई गई। दीवारों पर बच्चो के ज्ञानवर्धक TLm बनवाई गई।

साथ ही आकर्षक विज्ञान गणित अंग्रेजी के कठिन शब्द हिंदी की व्याकरण आदि के तकरीबन 40 चार्ट जो खुद प्रधानाध्यापिका के द्वारा बनाये गए है वो भी विद्यालय कक्ष में लगे हुए है । बच्चो को खेल खेल में विभिन्न गतिविधिया करके रोचक तरीके से पढ़ाया जाने लगा। अंग्रेजी की क्रियाये, अंग्रेजी के छोटे छोटे वाक्य सब कुछ खेल खेल में सिखाया जाने लगा।

साथ ही सप्ताह में 2 दिन अंतिम कालांश में प्रधानाध्यापिका के द्वारा नृत्य भी सिखाया जाने लगा।उसी के परिणाम स्वरूप उनके चार्ज ग्रहण करने के बाद प्रति वर्ष विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस शिक्षक दिवस ओर 8 वी कक्षा की विदाई में बच्चो के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम होने लगे।बच्चो में छुपी प्रतिभाएं गांव वालों के सामने आने लगी जिसे देख कर गांव वाले खुश होने लगे।

विद्यालय की प्रगति से खुश है अधिकारी

शिक्षा अधिकरी जब भी विद्यालय में आते है विद्यालय की प्रगति को देख कर बहुत खुश होते है।ऑफिस का प्रत्येक दस्तावेज व् रजिस्टर विद्यालय में भलीभांति संधारित्र किया गया है और संपूर्ण कार्य पूर्ण रहता है।। साथ ही अधिकारियों द्वारा विद्यालय में जब बच्चो का मूल्याङ्कन किया जाता है तो बच्चो की शैक्षिक स्थिति भी मजबूत पायी जाती है जिससे अधिकारी बहुत खुश हुए।।

बच्चो को कॉपी पेन समस्त स्टेशनरी भी स्टेशनरी बैंक के द्वारा विद्यालय से ही दी जाती है। विद्यालय में मीना मंच ओर मीना वाचनालय का भी सफल संचालन होने लगा प्रधानाध्यापिका के तत्वावधान में बच्चो ने 2018 में पहली बार मीना मेले में भाग लिया और नृत्य प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, नाटक मंचन में बच्चो ने प्रथम स्थान हासिल किया। तब से ये क्रम लगातार जारी है। रोचक प्रार्थना सभा व्यायाम योग रोचक पठान व्यवस्था समूह में कार्य करना खेलकूद के द्वारा, शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक हर तरह से अब बच्चो का विकास होने लगा।

बच्चो की रोचक पठान व्यवस्था में उनके स्टॉफ की शिक्षिकाएं Malika Shivranamalav और Priyanka Sharma भी अपनी भूमिका बखूबी निभाकर बच्चो को रोचक तरीके से पढ़ाती है।।
प्रधानाध्यापिका Neelu Rathore के द्वारा निशुल्क चरण पादुका व् बेग वितरण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें प्रधानधापिका द्वारा स्वयं के खर्च पर सभी बच्चों को बहुत ही सुंदर बेग वितरित किये गए औऱ विद्यालय की अन्य शिक्षिका मलिका की सहयोग से चरण पादुका वितरित की गयी।

विद्यालय के आस पास जंगल एरिया होने से कक्षा कक्ष में जहरीले जानवर आ जाते थे । बच्चो की सुरक्षा को देखते हुए Neelu Rathore के कार्यकाल में हर कक्षा कक्षो में स्टील की मच्छर जालिया लगवाई।। विद्यालय में ऐसे बहुत से कार्य है जो प्रधानाध्यापिका ने इस सत्र में करवाये है। विद्यालय में प्रयासों से क्षतिग्रस्त शौचालयों और मूत्रालयों की मरम्मत के साथ साथ जिला परिषद ओर पंचायत कोष से नए शौचालय ओर मूत्रालय का निर्माण कार्य करवाया गया।

हर दूसरे दिन Neelu Rathore और साथी अध्यपिकाये गांव में अभिभावकों से संपर्क करने लगी। जो बच्चा विद्यालय नही आता उसके बारे में जानकारी लेने लगी। गांव वाले उनका बड़ा आदर सत्कार करने लगे और बच्चो को स्कूल में प्रतिदिन भेजने लगे Neelu Rathore के ही प्रयास है जो गांव वाले स्कूल को अपना घर मानने लगे है और Neelu Rathore को अपनी बेटी। Neelu Rathore एक अध्यापिका के साथ साथ एक लेखिका और सामाजिक कार्य कर्ता भी है। कोविड-19 में राशन वितरण में ड्यूटी के साथ साथ अपने स्तर पर राशन सामग्री और मास्क की व्यवस्था करके ब्लॉक स्तर पर सहरानीय कार्य किया। आप अपने विद्यालय को नवीन उचाईयो तक ले जाने के लिये दिन रात प्रयासरत है।


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