Bise Lal (Meet The Teachers 2020): A Beacon of Education and an Inspirational Guide for Children”

Bise Lal (Meet The Teachers 2020): A Beacon of Education and an Inspirational Guide for Children”
छत्तीसगढ़ के जिला कोरिया के विकासखंड खड़गवां के ग्राम मेंडरा की शासकीय प्राथमिक शाला में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत बिसे लाल (Bise Lal) एक ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से न केवल बच्चों की शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाया है, बल्कि उनके रचनात्मक और कलात्मक कौशल के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी कहानी शिक्षा क्षेत्र में नये दृष्टिकोण और नवाचार की मिसाल है, जो यह दर्शाती है कि एक शिक्षक किस प्रकार बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
शिक्षा को रोचक और सरल बनाने का प्रयास
शिक्षक बिसे लाल (Bise Lal) का मानना है कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पढ़ाई को बच्चों के लिए रोचक और आसान बनाने के लिए टी.एल.एम. (शिक्षण सहायक सामग्री) का स्वयं निर्माण किया है। ये टी.एल.एम. सामग्री बच्चों को विषय वस्तु को समझने में मदद करती है और कक्षा में सीखने की प्रक्रिया को जीवंत बनाती है। उनके बनाए मॉडल, कागज के फूल, कबाड़ से बने उपकरण और रंग-बिरंगे चित्र बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाते हैं। कक्षा के भीतर और बाहर की दीवारों पर बनाए गए विषयानुसार चित्र न केवल शाला के वातावरण को सुंदर बनाते हैं, बल्कि बच्चों की समझ को भी गहरा करते हैं।
कलात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन
शिक्षक बिसे लाल (Bise Lal) नियमित रूप से बाल सभा का आयोजन करते हैं, जिसमें कविता, निबंध लेखन, चित्रकला जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। इससे बच्चों में आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित होती है। इसके अलावा वे शाला में गीत, नाटक, नृत्य जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाते हैं, जिनमें हर छात्र की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के अंदर न केवल सांस्कृतिक समझ पैदा करते हैं, बल्कि उनमें टीम भावना और सामाजिकता का भी विकास करते हैं।
समाज में जागरूकता फैलाने के अभियान
शिक्षक बिसे लाल (Bise Lal) नशा मुक्ति, शिक्षा के महत्व और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता अभियान भी चलाते हैं। वे शाला और आसपास के समुदाय में इन विषयों को लेकर लोगों को शिक्षित करते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास होता है। इन पहलों से बच्चों के साथ-साथ समुदाय के सदस्यों में भी सही आदतों और व्यवहार को अपनाने की जागरूकता बढ़ी है।
कोविड-19 के दौरान शिक्षा की निरंतरता बनाए रखना
कोविड-19 महामारी के दौरान जब स्कूल बंद थे और शिक्षण बाधित हुआ, तब बिसे लाल (Bise Lal) ने हार नहीं मानी। उन्होंने मोहल्ला कक्षा और ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखा। मिस्ड कॉल गुरुजी जैसी पहल से उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में निरंतरता सुनिश्चित की। इस कठिन दौर में भी बच्चों के लिए शिक्षा के स्तर को मजबूत बनाए रखना उनकी प्राथमिकता थी।
टी.एल.एम. की मदद से बच्चों ने मात्राओं का ज्ञान हासिल किया और शब्दों को जोड़कर पढ़ने में सफलता पाई। पर्यावरण प्रोजेक्ट के जरिए बच्चों ने आसपास के पेड़-पौधे, जीव-जंतु और मौसम की जानकारी भी प्राप्त की। ऑनलाइन प्रशिक्षण से खुद शिक्षक बिसे लाल (Bise Lal) ने भी नये ज्ञान और तकनीकों को सीखा, जिससे बच्चों को घर बैठे पढ़ाई का लाभ मिला।
रचनात्मकता और मानसिक विकास
बिसे लाल (Bise Lal) बच्चों को ऑनलाइन रंगोली बनाना, चित्रकला, मिट्टी के खिलौने बनाना और कबाड़ से टी.एल.एम. बनाना भी सिखाते हैं। इन गतिविधियों से बच्चों की रचनात्मकता और मानसिक विकास को बढ़ावा मिलता है। ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति बच्चों में उत्सुकता बढ़ी है और वे अपने सवाल बेझिझक पूछते हैं। उनकी भागीदारी अध्यापन को और भी प्रभावी बनाती है।
प्रशिक्षण और पुरस्कार
शिक्षक बिसे लाल (Bise Lal) की मेहनत और समर्पण को कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने सम्मानित किया है। उन्हें ‘स्मार्ट टीचर’ का सम्मान शैक्षिक आगाज द्वारा, डी.पी.आई. रायपुर से ऑनलाइन कक्षा संचालन के लिए सम्मान, उद्दघोष संस्था से ‘टीचर आइकन अवार्ड’, शिक्षा मधुबन कोरबा से ‘जी.एस.एम. टीचर अवार्ड’, वक्ता मंच रायपुर से ‘कलमकार सम्मान’, पढ़ाई तुंहर पारा कमेटी लोरमी से ‘बेस्ट टीचर सम्मान’ और नवोदय क्रांति परिवार से सम्मान प्राप्त हुआ है।
उनके बनाए टी.एल.एम. को सभी उच्च अधिकारियों ने सराहा है। वे लगातार विभिन्न ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी में भाग लेते हैं और 200 से अधिक प्रमाणपत्र प्राप्त कर चुके हैं। योग शिक्षा और गीत-कविता प्रतियोगिताओं में भी उन्होंने प्रशंसा पत्र अर्जित किए हैं। ‘दीक्षा’ और ‘टीचर एप’ से ऑनलाइन प्रशिक्षण कर उन्होंने अपनी शैक्षणिक दक्षता बढ़ाई है। वे नियमित रूप से ई-संगोष्ठियों में शामिल होकर ज्ञानवर्धन करते रहते हैं।
शिक्षण की विशेष शैली
बिसे लाल (Bise Lal) पर्यावरण विषय को प्रयोग आधारित तरीके से समझाते हैं और गणित के सवालों को इबारती सवालों के रूप में प्रस्तुत करते हैं ताकि बच्चे आसानी से समझ सकें। वे हमेशा सरल और आसान भाषा में विषय वस्तु को बच्चों तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं, जिससे सभी छात्र बिना किसी कठिनाई के विषय सीख सकें।
समाज के लिए प्रेरणा
शिक्षक बिसे लाल (Bise Lal) की कहानी यह साबित करती है कि सच्चा शिक्षक वह होता है जो बच्चों को सिर्फ ज्ञान ही नहीं देता, बल्कि उनकी सोच, कल्पना और रचनात्मकता को भी विकसित करता है। उनका समर्पण, लगन और नवाचार शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल है। उनकी मेहनत से क्षेत्र के बच्चे न केवल पढ़ाई में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और सामाजिक जागरूकता भी बढ़ रही है।
बिसे लाल (Bise Lal) की यह कहानी सभी शिक्षकों और समाज के लिए प्रेरणा है कि सही दृष्टिकोण, समर्पण और प्रयास से शिक्षा को और बेहतर, प्रभावी और जीवनोपयोगी बनाया जा सकता है। वे न केवल एक शिक्षक हैं, बल्कि एक मार्गदर्शक और बच्चों के भविष्य को संवारने वाले निर्माता हैं।
Meet The Teachers
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