सबके हृदय में बस्ती तु , हर भाषा से प्यारी लगती तु
भाव कोई भी हो तुझसे हर भाव उमड़ आता है
हर शब्दों में तेरा आकार है, तू ही साधु-संतों और कवियों की रसधार है हर शिलालेखों में बस्ती है हर ग्रंथों की पहचान है उर्दू, अंग्रेजी तो हमारे चंद दिनों के मेहमान है
1949 को तु राजभाषा का ताज बनी 1953 मे हर नागरिक के गले का हार बनी
पुरखों की सौगात है तू , बच्चो की जान है तू, भारत माता की पहचान है तू तुलसी के रामायण की , बिहारी के वाणी की पहचान है तू, तू ही मीरा जी की मुखरवाणी है गांधी ,नेहरू नेता कि जुबानी है
तेरा जैसा कोई भी नहीं दूजा मन करता है करूं तेरी पूजा दी तूने सबको शरण, बनाया सबको मीत विदेशी नागरिकों से भी जोड़ी तूने प्रीत
सम्मानित रहे तू सदा सबके हृदय में हर भारतीय नागरिक के मन की यही अभिलाषा सोहदार्थ की भाषा, गरिमामय बनी रहे तेरी रहे सदा क्योंकि तुझ में निहित है भारतीय संस्कृति और सभ्यता
“ए हिंदी” आज तेरे दिवस पर करते हैं हम प्रण आस्तिव तेरा और बढ़ाएंगे, विश्व में भी तेरा झंडा फहराएंगे विश्व में भी तेरा झंडा फहराएंगे जय हिंदी भाषा
लेखिका
Anita Arora
Anita Arora राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 2ml श्रीगंगानगर
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