ENVIRONMENT PROTECTION AND ITS NEED : Bhagwati Soni
पर्यावरण संरक्षण और इसकी आवश्यकता
ENVIRONMENT PROTECTION AND ITS NEED : Bhagwati Soni

पर्यावरण भौतिकीय, रासायनिक और जैविक अवयवों के बीच पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन है। पर्यावरणीय विज्ञान पर्यावरणीय व्यवस्था के अध्ययन के लिए समन्वित, परिमाणात्मक और अन्तरविषयक दृष्टिकोण उपलब्ध कराता है। पर्यावरणीय वैज्ञानिक पर्यावरण की गुणवत्ता की निगरानी करते हैं, स्थलीय और जलीय पारिस्थितिकी व्यवस्था पर मानवीय कृत्यों की व्याख्या करते हैं तथा पारिस्थतिकी व्यवस्था की बहाली के लिए रणनीतियां तैयार करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण (ENVIRONMENT PROTECTION) और वर्तमान में इसकी आवश्यकता को ध्यान में रखा जाए तो सबसे बड़ी समस्या प्लास्टिक द्वारा फैल रहे प्रदूषण की है जो सुरसा के मुंह की तरह चहुमुखी अपना मुंह फैलाए समूचे विश्व को निगल रहा है।
हर वर्ष 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस हमें पृथ्वी के वातावरण को सुरक्षित बनाए रखने का संदेश देता है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र की पहल पर की गई थी। विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया भर में पर्यावरण और उसके विभिन्न घटकों के संरक्षण से जुड़ा सबसे बड़ा अभियान है।
विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
इस बार भारत 5 जून 2018 को 44वें विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी कर रहा है, जिसका केंद्रीय विषय ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ यानी ‘प्लास्टिक प्रदूषण को मात’ रखा गया है। दुनिया भर में इसी केंद्रीय विषय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य पर्यावरण की महत्ता एवं उसके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक बनाना है।
हालांकि, इन सभा-संगोष्ठियों का लाभ तभी है, जब हम यह ठान लें कि औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी प्लास्टिक से दूरी बनाने की जरूरत है।
पर्यावरण संरक्षण (ENVIRONMENT PROTECTION) के लिए प्लास्टिक का पुनर्चक्रण करना दीर्घकालिक समाधान हो सकता है। इससे काफी हद तक प्लास्टिक की समस्या के निपट सकते हैं। हालांकि, सबसे अच्छी पहल यही होगी की हम प्लास्टिक के उत्पादों से तौबा कर लें और उन्हें जीवनचर्या से दूर कर दें। ऐसा करके ही हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण छोड़ पाएंगे।
ENVIRONMENT PROTECTION AND ITS NEED
रचनाकार
Bhagwati Soni

बीकानेर, राजस्थान
Environment Protection
The Environment (Protection) Act was enacted in 1986 with the objective of providing for the protection and improvement of the environment. It empowers the Central Government to establish authorities [under section 3(3)] charged with the mandate of preventing environmental pollution in all its forms and to tackle specific environmental problems that are peculiar to different parts of the country. The Act was last amended in 1991.
Meet The Teachers
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