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Balveer Singh Chaudhary (Meet The Teachers 2020): स्कूल सौंदर्यीकरण का प्रेरणादायी प्रयास

Balveer Singh Chaudhary (Meet The Teachers 2020): स्कूल सौंदर्यीकरण का प्रेरणादायी प्रयास

Balveer Singh Chaudhary
Balveer Singh Chaudhary

Balveer Singh Chaudhary (Meet The Teachers 2020): स्कूल सौंदर्यीकरण का प्रेरणादायी प्रयास

राजकीय माध्यमिक विद्यालय मंगरासी, दांतारामगढ़, सीकर में जून 2018 में बीकानेर से स्थानांतरित होकर आए शिक्षक Balveer Singh Choudhary ने अपने समर्पण और मेहनत से स्कूल को एक नया रूप प्रदान किया। फेसबुक पर बाड़मेर के एक विद्यालय की सुंदर तस्वीर देखकर Balveer Singh ने अपने विद्यालय को भी हरियाली और सौंदर्य से सजाने का संकल्प लिया।

इस दिशा में उन्होंने अपने घर के बगीचे से छोटे-छोटे पौधे लाकर स्कूल परिसर में रोपण शुरू किया और इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए बच्चों को भी प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों को पेड़-पौधों के महत्व के बारे में बताया और उन्हें प्रकृति संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया।

Balveer Singh ने भामाशाहों के सहयोग से पेड़-पौधों की सुरक्षा के लिए लोहे की जालियां लगवाकर उनकी देखभाल सुनिश्चित की। विद्यालय के भौतिक स्वरूप को और आकर्षक बनाने के लिए बरामदे, दीवारों और खंभों पर ऑयल पेंट करवाया गया। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि यह पेंटिंग कार्य किसी पेशेवर पेंटर या मजदूरों द्वारा नहीं, बल्कि स्वयं Balveer Singh और उनके छात्रों ने मिलकर किया।

समाज उपयोगी शिविरों के माध्यम से इस कार्य को अंजाम दिया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस प्रक्रिया में न केवल विद्यालय का सौंदर्यीकरण हुआ, बल्कि छात्रों में भी सामूहिक कार्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी।

Balveer Singh Choudhary ने हरित राजस्थान कार्यक्रम के तहत विद्यालय परिसर में 125 पेड़-पौधे लगाए। जहां पहले स्कूल में केवल 3-4 पेड़ थे, वहीं आज लगभग 150 पेड़-पौधे हरे-भरे होकर परिसर को सुशोभित कर रहे हैं। रंग-बिरंगे गमलों में विभिन्न फूलों के पौधे खिलखिलाते हैं, जो विद्यालय को एक मनमोहक स्वरूप प्रदान करते हैं। इस कार्य में Balveer Singh को उनके सहयोगी शिक्षक श्रवण सिंह शेखावत का भी महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। दोनों ने मिलकर विद्यालय को निजी स्कूलों की तर्ज पर आकर्षक और सुंदर बनाने का प्रयास किया।

अपने सीमित संसाधनों के बावजूद, अपने वेतन से पैसे बचाकर विद्यालय की खिड़कियों में रंगीन और चमकीले शीशे लगवाए, जिससे स्कूल का सौंदर्य और भी निखर गया। उनकी लगन ऐसी थी कि लॉकडाउन के दौरान, जब स्कूल बंद थे, तब भी Balveer Singh नियमित रूप से विद्यालय जाकर पेड़-पौधों में पानी देते और उनकी देखभाल करते। उनकी यह मेहनत और समर्पण रंग लाया, और आज राजकीय माध्यमिक विद्यालय मंगरासी निजी स्कूलों की तरह आकर्षक और सुंदर दिखता है।

Balveer Singh के प्रयासों ने न केवल विद्यालय के भौतिक स्वरूप को बदला, बल्कि छात्रों और समुदाय में पर्यावरण संरक्षण और सामूहिक कार्य की भावना को भी जागृत किया। उनके इस कार्य ने अन्य शिक्षकों और स्कूलों के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की है। यह योगदान दर्शाता है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी स्थान को सुंदर और उपयोगी बनाया जा सकता है।

उनकी इस पहल ने न केवल विद्यालय को एक नया जीवन दिया, बल्कि बच्चों को भी प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया। आज यह विद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि हरियाली और सौंदर्य का एक जीवंत उदाहरण भी है, जिसका श्रेय Balveer Singh की दूरदर्शिता और समर्पण को जाता है।


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