Archana Sharma

Archana Sharma (Meet The Teachers 2020): एक शिक्षिका की सफलता की कहानी

Archana Sharma (Meet The Teachers 2020): एक शिक्षिका की सफलता की कहानी

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Archana Sharma (Meet The Teachers 2020): एक शिक्षिका की सफलता की कहानी

भारतीय संस्कृति में शिक्षक की भूमिका समाज को सुधार की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक की होती है। शिक्षक ही वह माली है, जो अनगढ़े बालक को सांचे में ढालकर एक संपूर्ण इंसान बनाता है। वे विद्यार्थियों को पोषित कर, संस्कार रूपी पुष्प खिलाकर, सद्गुणों की महक से समाज को सुगंधित करते हैं। आज हम बात करेंगे ऐसी ही एक प्रेरणादायी शिक्षिका Archana Sharma के बारे में, जिन्होंने अपने नवाचारी शिक्षण विधियों से विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रुचि जागृत की। वर्तमान में Archana Sharma छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा विकासखंड में शासकीय प्राथमिक शाला खिसोरा में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

Archana Sharma की शैक्षिक यात्रा सन् 2005 में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला तरौद, अकलतरा विकासखंड, जांजगीर-चांपा से शुरू हुई। कुछ वर्षों बाद, अध्यापन व्यवस्था के तहत उन्हें विकासखंड की विभिन्न शालाओं में कार्य करने का अवसर मिला। सन् 2016 में शिक्षकों की कमी के कारण उन्हें शासकीय प्राथमिक शाला देवकिरारी से प्राथमिक शाला मुड़पार में संलग्न किया गया, जहां उन्हें कक्षा दूसरी को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस शाला में संसाधनों की कमी थी। कक्षा का ब्लैकबोर्ड पूरी तरह घिस चुका था, और बरामदा जर्जर हालत में था। विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर भी शून्य के करीब था, क्योंकि उनके पास पहले कोई शिक्षक नहीं था।

Archana Sharma के सामने यह एक बड़ी चुनौती थी। पहले जहां उन्होंने सुविधायुक्त शालाओं में कार्य किया था, वहीं अब उन्हें एक ऐसी शाला में काम करना था, जहां न तो संसाधन थे और न ही विद्यार्थियों का पढ़ाई से कोई जुड़ाव। फिर भी, Archana Sharma ने हार नहीं मानी। उन्होंने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए नवाचारी और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया। उनका लक्ष्य था कि बच्चे खेल-खेल में, बिना डर के, विषयवस्तु को सीखें, और यह ज्ञान उनके मस्तिष्क पर स्थायी प्रभाव छोड़े।

Archana Sharma ने बच्चों के साथ विनम्र व्यवहार अपनाकर उनके मन को जीता। उन्होंने कक्षा को आकर्षक बनाने के लिए फ्लेक्सी, क्रिएटिव कॉर्नर, और प्रिंट-रिच वातावरण तैयार किया। स्वयं वॉल पेंटिंग कर कक्षा को रंगीन और जीवंत बनाया। विषयवस्तु को रोचक बनाने के लिए Archana Sharma ने खेल-विधि, रोल-प्ले, नाट्य शैली, क्राफ्ट वर्क, गीत, कविता, कहानी, और स्वयं के खर्च से बनाए गए शिक्षण सामग्री (TLM) का उपयोग किया। मोबाइल और टेलीविजन (हरियाणा के मनोज लाकरा सर द्वारा प्रदत्त) के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया। इन नवाचारों का प्रभाव जल्द ही दिखाई दिया, और बच्चे उत्साहपूर्वक सीखने लगे।

Archana Sharma का अगला लक्ष्य शाला को कॉन्वेंट स्कूल जैसा स्वरूप देना था। इसके लिए उन्होंने स्वयं के खर्च से बच्चों के लिए टाई, बेल्ट, जूते, मोजे, और स्वेटर उपलब्ध कराए। अंतरराष्ट्रीय मंच सत्यमेव जयते यूएसए के फाउंडर श्री ओम वर्मा जी ने न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की, बल्कि समय-समय पर उनका हौसला भी बढ़ाया। मारवाड़ी महिला मंच, अकलतरा से भी कुछ सहयोग प्राप्त हुआ। Archana Sharma ने स्वयं के खर्च से पी.टी. ड्रम, ग्रीन बोर्ड, और व्हाइट बोर्ड उपलब्ध कराए, जिससे शाला का स्वरूप कॉन्वेंट स्कूल जैसा हो गया।

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए Archana Sharma ने खेल सामग्री उपलब्ध कराई। राष्ट्रप्रेम और भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए महापुरुषों की जयंती, पर्यावरण दिवस, जल दिवस, बाल दिवस जैसे विशेष अवसरों पर प्रतियोगिताएं आयोजित कीं। इन आयोजनों में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वयं के खर्च से पुरस्कार भी दिए। कक्षा में बच्चों के जन्मदिन को उत्सव के रूप में मनाया गया, और उन्हें उपहार प्रदान किए गए।

Archana Sharma ने अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए मातृ-पितृ सम्मेलन और स्वच्छता रैली जैसे आयोजन किए। माता-पिता को बच्चों की प्रगति से अवगत कराने के लिए फीडबैक प्रपत्र और ओपन डे का आयोजन किया। उनकी गतिविधि-आधारित शिक्षण पद्धति ने अंग्रेजी जैसे कठिन विषय को भी आसान बनाया, जिसके परिणामस्वरूप बच्चे अंग्रेजी में वार्तालाप करने में सक्षम हुए।

Archana Sharma के कार्यों को व्यापक मान्यता मिली। उन्हें नेशनल ह्यूमेन वेलफेयर कॉउंसिल द्वारा प्राइड ऑफ इंडिया, इंडियाज ग्रेट लीडर्स अवार्ड, भारत श्री, और प्रेरणा अवार्ड से सम्मानित किया गया। सत्यमेव जयते यूएसए के श्री ओम वर्मा जी और यूगांडा के डॉ. सोडान सिंह तरार जी ने भी उनके कार्यों की सराहना की और सम्मानित किया। राज्य स्तर पर Archana Sharma को मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण सम्मान से नवाजा गया।

वर्तमान में Archana Sharma शासकीय प्राथमिक शाला खिसोरा में स्थानांतरित हो चुकी हैं, जहां वे नई शुरुआत के लिए कटिबद्ध हैं। उनका लक्ष्य बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। Archana Sharma सभी सहयोगियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करती हैं और प्रार्थना करती हैं कि उनका साथ यूं ही बना रहे।


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