New India is incomplete without networking and digital

New India is incomplete without networking and digital
नेटवर्किंग और डिजिटल (Networking and Digital) के बिना नया भारत अधूरा है
कोरोना पेंडेमिक के बाद नए भारत ने नई पारी की शुरुआत की है । सभी लोग इस के हिस्सेदार बने हैं। सभी लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं। यह खेल भी बड़ा अनोखा है लेकिन एक चीज तो है कि आत्म निर्भर भारत बिना नेटवर्किंग (Networking) के बनना असंभव सा लगता है। जितना बड़ा नेटवर्क होगा उतना ही बड़ा शिक्षा व बिजनेस में रहेगा, क्योंकि जितने भी बड़े बिजनेस अब तक बने हैं या बनेंगे वह बिना नेटवर्किंग के संभव नहीं है और नहीं बिना नेटवर्किंग के शिक्षा का विकास हो सकता है। नेटवर्किंग (Networking) की ताकत को पहचानिए।
अपने दायरे को बढ़ाना है तो नेटवर्क की ताकत को पहचानना होगा। अब कोई भी व्यक्ति भारत के किसी भी कोने से शिक्षा का आदान प्रदान कर सकता है, व्यापार कर सकता है। अब इस पेंडेमिक ने सभी लोगों को यह सिखा दिया कि बिना दुकान के भी दुकानदारी हो सकती है। शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोका जा सकता है, बिना बड़ा बिजनेस बनाए भी बड़ा बिजनेस बन सकता है।
ट्रेनिंग का उद्योग लगातार बुलंदियों पर है। अलग अलग अलग नई खोजे, ऑनलाइन आने के कारण इंटरनेट पर व्यापार व शिक्षा का चलन बढ़ गया। उसी के साथ साथ लोगो ने इंटरनेट का जमकर इस्तेमाल किया । डिजिटल इंडिया, ई बिजनेस डिजिटल, डिजिटल प्रोडक्ट्स, डिजिटल प्रेजेंस इन सब ने एक नए भारत का निर्माण किया है। सच में यह काबिले तारीफ है। लेकिन अब जो चुनौती है, अब लीड जेनरेशन करना, अपने माल को सभी तक अवेलेबल कराना, यह अब नेटवर्किंग के बिना अधूरा है।
यह सच है कि कई बिजनेस व शिक्षा को आघात पहुंचा है तो कई नए बिजनेस को अवसर भी मिला जैसे – ज़ूम एप्प्स, गूगल मीट जिओ मीट, आगे आये ।
डिजिटल शिक्षा का महत्व- शिक्षा एक व्यापक प्रक्रिया हैl आधुनिक शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य संस्कारवान और कौशल युक्त नागरिक बनाना हैl इस अर्थ में शिक्षा संस्कार और रोजगार प्राप्ति की सर्वाधिक विश्वसनीय प्रक्रिया है शिक्षा चरित्र निर्माण और कौशल विकास की कुंजी है शिक्षा शिक्षार्थी का सामाजिकरण भी करती हैl वह व्यक्ति में स्वतंत्रता भाईचारे एवं समानता जैसे जीवन पर मूल्यों का परिपाक कराती हैl
डिजिटल लर्निंग से बालक आश्रम विकास होता है तथा साथ ही बौद्धिक शारीरिक सामाजिक मानसिक एवं संवेगात्मक विकास भी होता है डिजिटल शिक्षा से बालकों के सीखने की गति में वृद्धि कर बालकों में आधुनिक प्रौद्योगिकी विकास से शैक्षणिक कौशल में अभिवृत्ति करता हैl
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु राष्ट्र निर्माण के लिए डिजिटल शिक्षा का बहुत ही महत्व है lइसके द्वारा हम शिक्षा जगत में और व्यापार जगत में नई क्रांति ला कर नई ऊंचाइयों को छू सकते हैंl आधुनिक युग में नेटवर्किंग डिजिटल नए भारत को नई दिशा प्रदान कर रहा है l यदि इस युग में हमने इसके प्रति समझ नहीं जगाई तो हम अन्य देशों से काफी बिछड़ जाएंगेl
इस कोरोना संकट के बाद कई नए व्यापार व शिक्षा के बढ़ने के आसार है।नेटवर्किंग ही नए भारत आत्मनिर्भर भारत का हथियार बनेगी।
लेखक

Amar Chand Verma
अध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हनुमान नगर नारवा खीमसर नागौर राजस्थान
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