National Education Policy 2020

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के संदर्भ में विशेष परिचर्चा
“5+3+3+4 पाठ्यक्रम संरचना और अन्य महत्वपूर्ण बिंदु”
विशेष संवाद: श्री हरि कृष्ण आर्य (सदस्य, राजस्थान राज्य शिक्षा नीति समिति)
आयोजक: एज्युरिअरिंग (EDUREARING)देश में शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 (National Education Policy 2020) को लागू किया गया। यह नीति न केवल शिक्षकों, विद्यार्थियों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए प्रासंगिक है। इस नीति के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार, नवाचार और रोजगारोन्मुखी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के अनेक प्रयास किए गए हैं।
इसी क्रम में, एज्युरिअरिंग (EDUREARING) के सौजन्य से, दिनांक 12 सितंबर को “स्कूली पाठ्यक्रम का 5+3+3+4 प्रारूप एवं अन्य महत्वपूर्ण बिंदु” विषय पर एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में श्री हरि कृष्ण आर्य, जो कि राजस्थान राज्य शिक्षा नीति समिति के माननीय सदस्य हैं, ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में 5+3+3+4 पाठ्यक्रम संरचना को विस्तार से समझाया गया। वर्तमान में भारत में 10+2 पाठ्यक्रम व्यवस्था लागू थी, जिसमें 10वीं कक्षा के बाद 2 साल का उच्चतर माध्यमिक शिक्षा दी जाती थी। लेकिन नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इसे 5+3+3+4 संरचना में विभाजित किया गया है, जिसमें शिक्षा को चार चरणों में बांटा गया है:
National Education Policy 2020
1️⃣ फाउंडेशनल स्टेज (5 वर्ष):
???? 3 वर्ष का प्री-प्राइमरी/अंगनवाड़ी + कक्षा 1 और 2
???? मुख्यतः खेल आधारित और गतिविधि आधारित शिक्षा
???? प्रारंभिक भाषा और गणितीय कौशल पर बल
2️⃣ प्रिपरेटरी स्टेज (3 वर्ष):
???? कक्षा 3 से 5 तक
???? कक्षा-कक्ष में विषय आधारित शिक्षा का प्रारंभ
???? वैज्ञानिक सोच, रचनात्मकता, कला एवं गतिविधि आधारित शिक्षण
3️⃣ मिडिल स्टेज (3 वर्ष):
???? कक्षा 6 से 8 तक
???? विषय-विशेष अध्ययन, कौशल विकास और परियोजना कार्य
???? कोडिंग और कंप्यूटर शिक्षा का प्रारंभ
4️⃣ सेकेंडरी स्टेज (4 वर्ष):
???? कक्षा 9 से 12 तक
???? बहुविषयक पाठ्यक्रम, वैकल्पिक विषय, समग्र विकास पर बल
???? राष्ट्रीय शैक्षिक मूल्यांकन निकाय (NTA) द्वारा वैकल्पिक मूल्यांकन व्यवस्था
परिचर्चा में श्री हरि कृष्ण आर्य ने शिक्षा नीति के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे: मातृभाषा/स्थानीय भाषा में प्राथमिक शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा में सुधार, शिक्षा में समानता, और डिजिटल शिक्षा के समावेश पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस नीति का उद्देश्य न केवल शिक्षा को समावेशी और सर्वसुलभ बनाना है, बल्कि विद्यार्थियों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को भी विकसित करना है।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण (Live Cast) एज्युरिअरिंग (EDUREARING) के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा से जुड़े अनेक अभिभावक, शिक्षक एवं विद्यार्थी सम्मिलित हुए और उन्होंने अपने अनुभव व प्रश्न भी साझा किए। परिचर्चा अत्यंत सूचनाप्रद और लाभकारी रही, जिससे प्रत्येक दर्शक ने शिक्षा नीति को और गहराई से समझने का अवसर प्राप्त किया।
यदि आप इस कार्यक्रम को लाइव देखने से वंचित रह गए हों, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस कार्यक्रम को संपूर्ण रूप से रिकॉर्ड किया गया है ताकि आप इसे कभी भी, कहीं भी देखकर शिक्षा नीति के इन महत्वपूर्ण पहलुओं को समझ सकें।
???? रिकॉर्डेड कार्यक्रम देखने के लिए लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=V_RHJvQYYtU
हम आशा करते हैं कि यह परिचर्चा शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और नीति निर्माताओं के लिए समान रूप से उपयोगी और प्रेरणादायक सिद्ध होगी। आपके सुझाव और प्रतिक्रियाओं का हमें सदैव स्वागत है।
अपने सुझाव/प्रतिक्रिया से भी अवश्य अवगत करावें।

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