Rehana Chishti and innovation are synonymous with each other, She is spreading public awareness through the character of Shyani Bua

एक दूसरे के पर्याय हैं रेहाना और नवाचार
“वो काम कर कि लोग तुझे याद भी करें और नाम ले तेरा तो अदब से लिया करें “
कुछ इसी तरह की पंक्तियों से प्रेरित होकर अपने प्रत्येक कार्य की शुरुआत करने वाली नवाचारी शिक्षिका है Rehana Chishti जिनसे आज हम आपकी मुलाकात करवाने जा रहे हैं –
श्रीमती रेहाना चिश्ती नवाबी नगरी टोंक कि मूल निवासी हैं इनके पिता स्वर्गीय श्री अल्ताफ हुसैन चिश्ती जो की टोन्क के पूर्व जिला प्रमुख रह चुके हैं का उनके जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा और उन्हीं के बताए हुए रास्ते पर चलकर श्रीमती रेहाना चिश्ती ने अपनी उपलब्धियो से अनेकों बार अपने गृह जिले के साथ-साथ अपने ससुराल बूंदी का नाम भी रोशन किया है|
रेहाना बताती हैं कि जब 1997 में इनकी प्रथम नियुक्ति हुई उस समय उनकी शैक्षिक योग्यता 12वीं + एसटीसी थी परंतु इनकी सीखने सिखाने की ललक के कारण ही इन्होंने नौकरी लगने के बाद व शादी ओर बच्चे हो जाने के बाद भी पढ़ाई निरंतर जारी रखी और आज यह उर्दू विषय से स्नाकोत्तर होने के साथ-साथ B.ed भी कर चुकी हैं और वर्तमान में भूगोल से स्नातकोत्तर कर रही हैं|
क्योंकि इनका मानना है कि जिन्होंने सिखाने की ठानी है वह स्वयं सीखने से कैसे मुंह मोड़ सकते हैं
रेहाना चिश्ती ने प्राथमिक विद्यालय सोहिला (टोन्क) से ट्रांसफर होकर 2002 में प्राथमिक विद्यालय धनावा- हिंडोली (बून्दी) में कार्य ग्रहण किया तब से लेकर आज तक लगभग 18 वर्ष से वह यही अपनी सेवाएं दे रही हैं
इन्होंने यहां पर अपने 18 वर्ष के सेवाकाल में इतने कीर्तिमान स्थापित किए कि अब यूपीएस धनावा को रेहाना चिश्ती की स्कूल के नाम से ही पहचाना जाने लगा है रेहाना बताती हैं कि मैं अपने आप को बहुत गौरवान्वित महसूस करती हूं जब यूपीएस धनावा का नाम आते ही लोग बोलते हैं – रेहाना जी का स्कूल इससे बढ़कर कोई खुशी या सम्मान मेरे लिए और क्या हो सकता है|
ड्राइंग पेंटिंग आर्ट एंड क्राफ्ट और गायन में गहरी रुचि रखने वाली श्रीमती रेहाना ने अपने विद्यालय के बच्चों को भी इस कला में पारंगत कर दिया है |यही कारण है कि विद्यालय स्तर से लेकर जिला या राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं में इनके विद्यालय के बच्चे अव्वल रहते हैं ना केवल सामान्य विद्यार्थी अपितु इनके विद्यालय के दिव्यांग छात्र छात्राओं ने भी चित्रकला में जिला स्तर पर बाजी मारी है और अपना लोहा मनवाया है |
सन 2017 में रेहाना के मार्गदर्शन में ही कभी गांव से बाहर नहीं निकली छात्रा संजू मेघवाल ने अपनी आदर्श टीचर के साथ जयपुर जाकर स्वच्छ भारत- स्वच्छ विद्यालय राज्यस्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया और पूरे राजस्थान में अव्वल आकर बूंदी का परचम लहरा दिया| इस अवसर पर संजू मेघवाल को स्वयं शिक्षा मंत्री श्री वासुदेव देवनानी शिक्षा सचिव श्री गंगवार जी ने ₹5000 का चेक और मोमेंटो देकर उसका सम्मान किया |
2017 में ही श्रीमती रेहाना चिश्ती को भी इनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जयपुर फेस्टिवल में सर्वोत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से नवाजा गया| इस सम्मान के लिए पूरे राजस्थान से मात्र 5 प्राथमिक शिक्षा के शिक्षकों का एवं 5 माध्यमिक शिक्षा के शिक्षको का चयन किया गया था जिसमें से एक रेहाना थी
महामहिम राज्यपाल माननीय कल्याण सिंह जी मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया, उच्च शिक्षा मंत्री के साथ-साथ शिक्षा सचिव श्री गंगवार जी व राज. के शिक्षा मंत्री श्रीमान वासुदेव देवनानी जी द्वारा रंगारंग भव्य समारोह में इन्हे सम्मानित किया गया|
रेहाना ने बालिका शिक्षा ,नामांकन, ठहराव भामाशाहो को प्रेरित करना,नशा मुक्ति, वृक्षारोपण, मतदाता जागरूकता ,गतिविधि आधारित शिक्षण, टी एल एम निर्माण्,खेल खेल मे शिक्षा ,मूक पशु पक्षियों के लिये पानी कि व्यवस्था.. इत्यादि के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं |
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने एवं सरकारी विद्यालयो के प्रति लोगों की सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने हेतु इन्होने 2018 में अपनी पुत्री को निजी विद्यालय से निकालकर स्वयं के विद्यालय की कक्षा आठ में प्रवेश कराया जिसका सभी अभिभावको पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और विद्यालय के नामांकन में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई|
अपने विद्यालय मे तन मन धन से समर्पित होकर कार्य करने वाली रेहाना द्वारा.अब तक भामाशाह को प्रेरित कर लगभग 2 -3लाख रु. के कार्य करवाए जा चुके हैं|
इनके प्रयासों से ही विद्यालय में बूंदी जिले का प्रथम खिलौना बैंक स्थापित किया जा चुका है| श्रीमती चिश्ती हर वर्ष विद्यालय के गरीब छात्र छात्राओं को विद्यालय गणवेश उपलब्ध करवाती हैं साथ ही उन्होंने अपने खर्च से विद्यालय में हर हाथ कलम अभियान के अंतर्गत निशुल्क स्टेशनरी बैंक स्थापित किया है जिससे गरीब छात्र-छात्राओं को शिक्षण सामग्री वर्षभर उपलब्ध हो पाती है|
श्रीमती चिश्ती के नवाचारो की बात करें तो इनके प्रत्येक कार्य में नवाचार की झलक साफ दिखाई देती हैं फिर वो चाहे विद्यालय के बच्चों के लिए शुन्य निवेश TLMनिर्माण हो ,विभिन्न उत्सवों और समारोह, अभिभावक मीटिंग के लिए बनाए जाने वाले विशेष आमंत्रण पत्र हो, प्रमाण पत्र हो इन सब को वे अपने हाथों से अपनी सुंदर हैंडराइटिंग में तैयार करती हैं और विद्यालय के श्यामपट्ट से लेकर अन्य स्थानों की साज-सज्जा भी बच्चों के साथ स्वयं करती हैं |
इनके द्वारा SIQE शिक्षण के दोरान समूह 2 के बच्चो के लिये बनाये गये TLM मेरा पन्ना, मात्रा खिड्की, माचिस की तीलियो से इकाई-दहाई का बोध्,शादी के कार्ड से भिन्न की जानकारी, ATM वर्किन्ग माडल, इत्यादि अनेको TLMs को सभी शिक्षको ने अत्यधिक पसन्द किया
विद्यालय मे मनाये जाने वाले प्रत्येक उत्सव समारोह पर ब्लेक बोर्ड पर रन्गीन चाक से की गयी चित्र्कारी मन मोह लेती है, राज्य के अन्य शिक्षक भी इनको अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते हुए इन की तरह कार्य करने का प्रयास करते हैं|कक्षा शिक्षण के दौरान भी रेहाना आवश्यकता अनुसार बोर्ड पर सुन्दर चित्रान्कन कर के बच्चो को प्रभावी शिक्षण करवाती हैं |
विद्यालय के उपस्थिति रजिस्टर से लेकर रिकॉर्ड संधारण रजिस्टर ,बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर , बच्चों की कॉपियां और
बच्चों की पोर्टफोलियो फाइल हो या वर्कशीट इन सभी पर इनकी सृजनात्मकता बहुत ही सुंदर ढंग से दिखाई देती है|ये आर्ट एन्ड क्राफ़्ट मे भी एक्स्पर्ट हैं ओर बच्चो को कबाड़ से जुगाड के द्वारा नित नयी कलाकृतियाँ तैयार करना सिखाती हैं |
अपने विद्यालय की दीवारो पर भी इन्होने स्वयं पेन्टिन्ग की है ओर उसे सुन्दर ओर आकर्षक बनाने का हर सम्भव प्रयास करती रहती हैं | सामाजिक सरोकार हो या राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय अभियान रेहाना अपने नवा चारों से हर जगह अपनी छाप छोड़ देती हैं बालिका शिक्षा के अंतर्गत राज्य संदर्भ व्यक्ति के अतिरिक्त एस आई क्यू ई में मास्टर ट्रेनर होने के साथ-साथ विभिन्न जिला ब्लाक क्लस्टर स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण में शिक्षकों को ट्रेनिंग देने हेतु भी रेहाना को एक कुशल ट्रेनर के रूप में जाना जाता है|
ऐसा ही क्यों ही मैं पिछले 4 वर्षों से इनके द्वारा नवाचार के रूप में एसआईक्यूई वार्षिक समय सारणी का निर्माण किया जा रहा है जिससे ना केवल बूंदी के अपितु पूरे राज्य के शिक्षक लाभान्वित हो रहे हैं और इस सारणी के अनुसार अपने पाठ योजनाएं तैयार करके बच्चों को लाभान्वित कर रहे हैं
सृजनात्मकता एवं कलात्मक कार्यों के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी रेहाना को जयपुर में एबीएल किट सरलीकरण कार्यशाला एवं मीना मंच अध्यापिका मंच सामग्री निर्माण कार्यशाला में भी भाग लेने हेतु आमंत्रित किया गया था वहां भी इनके द्वारा दिये गये सुझावो को सराहा गया एवं इनकी बनायी हुई सामग्री को ABL किट में शामिल किया गया |
श्रीमती रेहाना स्वयं अपने विद्यालय में कक्षा 1 से 5 को एस आई क्यू ई के माध्यम से पाठ योजना तैयार कर हिंदी शिक्षण करवाती हैं इनके बनाए हुए पाठ योजना डायरी को एस आई क्यू ई उपनिदेशक श्री डीडी गौतम ने भी देखा और इनकी पाठ योजना को सर्वोत्कृष्ट व अनुकरणीय बताते हुए इन्के द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों कि मुक्त कन्ठ से प्रशंसा की |
विधानसभा चुनाव के समय एसडीएम कार्यालय हिंडोली में कार्य करते हुए भी रेहाना ने अपने नवा चारों से सभी को हतप्रभ कर दिया उस समय उन्होंने श्यानी बुआ का एक काल्पनिक पात्र व स्मार्ट वोटर गॉगल फ्रेम बना कर मतदाता जागरूकता मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,
जिसके लिए एसडीएम हिंडोली ने इनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की इतना ही नहीं उन्होंने एसडीएम कार्यालय में रहते हुए वहां की स्वच्छता व सौंदर्यीकरण के लिए भी अनूठे प्रयास किए और वहां के सूरत ही बदल डाली आज भी जो व्यक्ति एसडीम कार्यालय में जाता है वह इनके द्वारा किए गए कार्यों, कार्य के प्रति उनके समर्पण ओर इनके नवाचारो को देखकर कायल हो जाता है|
इसी प्रकार जब ये डाईट बून्दी मे शेक्षिक नवाचारो की जागरुकता ,मीना मंच या siqe का प्रशिक्षण देने जाती हैं तो हर बार कोई नवाचार करने का प्रयास ज़रूर रहता है |डाईट बून्दी की गणित विज्ञान लेख में भी रिहाना के बनाए हुए टी एल एम प्रदर्शित किए गए हैं|
हर जगह पर किये जाने वाले नवाचारो बारे में रेहाना का कहना है कि जहां रहेगा वहीं रोशनी लूट आएगा किसी चिराग का अपना मकान नहीं होता समय और परिस्थिति के अनुसार नवाचार करना वह समाज को जागरुक करने का हुनर रेहाना को खूब आता है |
अभी वर्तमान में जब सारा विश्व कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है ऐसे समय में अभी इन्होंने अपनी covid -19 की ड्यूटी पर मुस्तैद रहने के साथ-साथ एक बार फिर अपने नवाचार श्यानी बुआ के द्वारा प्रतिदिन एक पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को कोरोनावायरस के प्रति जागरूक करने की मुहिम छेड़ रखी है |इनकी इस पहल का भी लोग खुले दिल से स्वागत कर रहे हैं|
बूंदी जिले में होने वाले प्रत्येक कार्यक्रम चाहे वह बूंदी उत्सव हो, राजस्थान दिवस हो, केजीबीवी के शैक्षिक बाल मेले हो, जिला या राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताएं हो, नशा मुक्ति कार्यक्रम हो या अन्य कोई गतिविधि इन सब में इनका विशेष योगदान रहता है और हर अवसर पर यह अपनी प्रतिभा से लोगों को आश्चर्यचकित कर देती हैं|
श्रीमती रेहाना सरकारी शिक्षकों के देश के सबसे बड़े समूह नवोदय क्रांति की नेशनल मोटिवेटर के रूप में कार्य कर रहे हैं और देशभर के शिक्षकों के साथ सरकारी शिक्षा को बेहतर बनाने के प्रयासों में लगी हुई हैं |ये सोशल मीडिया के फेसबुक और व्हाट्सएप माध्यम से समय-समय पर शिक्षकों को अपने नवाचारों के माध्यम से प्रेरित करती हैं |
कई समाचार पत्रों, शिक्षा विभाग राज. की पत्रिका शिविरा, राजस्थान सरकार की प्रतिष्ठित पत्रिका राजस्थान सुजस मैं इनके बारे में आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं यही नहीं श्रीमती चिश्ती डाइट के माध्यम से शोध कार्य से भी जुड़ी हुई हैं मीना मंच के बालिका शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव इन का प्रमुख स्रोत था जिसे सभी ने सराहा| रेहाना सदैव सभी शिक्षकों के सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं|
इसका उदाहरण है इनके पियो क्षेत्र की उच्च माध्यमिक विद्यालय में ड्रॉइंग व्याख्याता का पद रिक्त होने के कारण पिछले 3 वर्षों से लगातार यह कुछ दिन उस विद्यालय में जाकर कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों को ड्राइंग प्रैक्टिकल का अभ्यास करवा रही हैं जिससे विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ रहा है
उन्हें ड्राइंग लेक्चरर की कमी महसूस नहीं हो पाती है उच्च माध्यमिक विद्यालय रामचंद्र जी का खेड़ा में कक्षा 11 व 12 के बच्चों को शिक्षण कार्य करवाने के दौरान रेहाना ने वहा भी विद्यालय की दीवारों पर चित्रकारी कर उसे सुंदर स्वरूप प्रदान कर सराहनीय कार्य किया|
सत्र 2018-19 में रेहाना को अपने विद्यालय में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यभार संभालने का मौका मिला इस दौरान इन्होंने अपने मात्र 6 माह के कार्यकाल में विद्यालय का पूरा नक्शा ही बदल कर रख दिया इस दौरान उन्होंने विद्यालय भवन को भी नवाचार के रूप में इस्तेमाल करते हुए बच्चों में देशभक्ति की भावना का विकास करने हेतु तिरंगे रंग से रंगवा दिया.|
विद्यालय भवन के प्रत्येक कक्षा कक्ष का नामकरण देश के महान स्वतंत्रता सेनानियो के नाम पर करते हुए उन पर अलग अलग नाम लिखवाये गए | भवन के प्रत्येक पिलर पर आकर्षक चित्र्कारी इन्होने स्वयं भी की.. ओर अपने खर्च से पैन्टर द्वारा भी करवाई|इनकी इस पहल का भी सभी ने स्वागत किया ओर इनकी कार्य प्रणाली की भूरी भूरी प्रशन्सा की |
रेहाना के साथी शिक्षक ओर परिचित भी इनके इस जुनून की प्रशंसा करते नहीं थकते हैं |
रेहाना के इन्हीं नवाचारों और उत्कृष्ट कार्यो की बदौलत इन्हें अब तक अनेकों पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं विद्यालय ,ब्लॉक ,जिला व राज्य स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी इन्होंने अपनी पहचान बनाई है और अनेकों बार सम्मानित हो चुकी हैं
अभी हाल ही में इन्हें नवोदय क्रांति द्वारा नेशनल स्मार्ट गुरु अवार्ड से सम्मानित किया गया है,इस से पूर्व भी इन्हे अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर 2019 को इंडियन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन (इरादा) की ओर से नेशन बिल्डर अवार्ड से सम्मानित किया गया| नवोदय क्रांति की ओर से गत वर्ष भी इन्हे नेशनल अवार्ड दिया जा चुका है
शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार के लिए अरविंद सोसायटी द्वारा 30 सितंबर 2019 को टीचर इनोवेशन अवार्ड दिया जा चुका है|
रेहाना के अपने विद्यालय के लिए किए गए अथक प्रयासों के कारण ही इनके विद्यालय को भी स्वच्छ शाला पुरस्कार व नवोदय क्रांति द्वारा स्मार्ट स्कूल अवार्ड सुभाषी फाउंडेशन द्वारा सुभाषी विद्यालय अवार्ड दिया जा चुका है|
इन के सानिध्य में विद्यालय के छात्र छात्राओं का भी चहुमुखी विकास हुआ है| चाहे बात शैक्षिक प्रतियोगिताओं की हो अथवा सह शैक्षणिक या खेलकूद प्रतियोगिताओं की इनके विद्यार्थियों ने हर जगह अपना परचम लहराया है |सत्र 2019- 20 में इनके विद्यालय के छात्र मनोज गुर्जर ने सत्यमेव जयते यूएसए द्वारा आयोजित स्पेलिंग भी प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रमाण पत्र प्राप्त किया|
उल्लेखनीय है कि सत्यमेव जयते USA अमेरिका की एक सन्स्था है,जिस के फ़ाऊन्डर श्री ओम वर्मा जी ने भारत के सरकारी विद्यालयो के बच्चो को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिये spelling bee contest के माध्यम से एक अन्तराष्ट्रीय मन्च उपलब्ध कराया था|रेहाना चिश्ती भी इस मंच से जुडी हुई हैं ओर भारत के सरकारी विद्यालयो के बच्चो के लिये कार्य कर रही हैं |
नशा मुक्ति ज्ञान परीक्षा ,मतदाता जागरूकता,स्वच्छ भारत चित्रकला प्रतियोगिता इत्यादि कई प्रतियोगिताओं में भी इनके विद्यार्थियों ने जिला स्तर पर अपना डंका बजाया है| इन सब उपलब्धियों को प्राप्त करने के बाद धनावा के ग्रामवासी भी अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं और कहते हैं कि रेहाना जी की वजह से हमारे गांव का नाम राज्य और देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाना जाने लगा है यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है और इसके लिए हम इनके सदेव ऋणी रहेंगे
इस पर श्रीमती चिश्ती का कहना है कि मे कुछ अलग या विशेष नहीं कर रही हूँ…… बस मेरा काम के प्रति रवेया ये है कि मुझे जो भी काम करने को दिया जाता है.. में उसे करने का सबसे बेस्ट तरीका खोजने का ओर फिर पूरी मेहनत से उस काम को करने प्रयास करती हूँ… ओर सफ़लता अपने आप मिल जाती है|
जेसा कि किसी ने कहा भी है… अगर मेहनत आदत बन जाये…,तो कामयाबी मुकद्दर बन जाती है
आज वे जिस मुक़ाम पर हैं.. उसे वे अल्लाह का करम मानते हुए उसका सारा श्रेय वे अपने माता-पिता के आशीर्वाद, अपने पति व परिवार के सहयोग ओर हमेशा मनोबल बढाने वाले अपने शिक्षक साथियों ओर अपने विद्यार्थियो के स्नेह को देती हैं |
रेहाना चिश्ती का कहना है कि व्यक्ति की पहचान उसके जन्म से नहीं.. बल्कि उसके कर्म से होती है.. इसलिये यदि आप को अपनी अमिट पहचान बनानी है तो उसके लिये तन मन धन से समर्पित होकर कार्य करना चाहिए..
जेसा कि मेरे पापा हमेशा कहा करते थे…
“कम से कम सामान रखना,
ज़िन्दगी आसान रखना|
कर फ़िक्र ओरो की तू..,
पर पहले अपना ध्यान रखना|
रास्तों पर रखना आंखे,
आहटो पर कान रखना|
भीड़ में घुल-मिल के भी तू…,
अपनी कुछ पहचान रखना