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ICT in Elementary Education : HC Chaudhary

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ICT  in Elementary Education

वर्तमान समय तकनीक के नवीनतम आविष्कारों व प्रयोगों का है। जीवन का कोई भी पहलू तकनीक से अछुता नहीं रहा है, तकनीक का ही एक रूप आईसीटी है जो शिक्षा के क्षेत्र में भी शैक्षिक परिदृश्य को रोचक व सहज बनाने के लिए काम कर रहा है। शिक्षक व छात्र आईसीटी का प्रयोग कर नवाचारों को अपना भी रहें है और अपने शैक्षिक स्तर को उन्नत भी बना रहें है। आईसीटी का प्रयोग विषय की आवश्यकता के अनुरूप सभी विषयों व सभी स्तर के छात्रों के लिए किया जा रहा है।

प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षण अधिगम में आईसीटी का प्रयोग विषय की गंभीरता को दूर कर उसे रोचकता तो प्रदान करता ही है साथ ही बच्चों के पढ़ाई के प्रति मानसिक बोझ को कम करने का काम भी करता है।  यहां आईसीटी से अभिप्राय उन सभी संसाधनों से है जो तकनीक के माध्यम से शिक्षण अधिगम को प्रभावशाली बनाने में सहायक है। जैसे कम्प्यूटर, टेबलेट, मोबाइल, प्रोजेक्टर, टीवी, रेडियों, डिजीटल लाईब्रेरी आदि।

आईसीटी का प्रयोग विषय की कठिनाईयों को समझते हुए उनका प्रस्तुतीकरण छात्र के समक्ष सहज और सरल बना देता है। जो छात्रों के मानसिक व बौद्धिक स्तर की उन्नति के लिए अतिआश्यक है। जिस प्रकार किसी पौधे के विकास के लिए खाद् व पोषक तत्व आवश्यक है, उसी प्रकार  प्रारंभिक शिक्षा के छात्रों के लिए भी आईसीटी उतनी ही आवश्यक है ताकि पौध रूपी छात्रों का उचित विकास हो सकें।

Keyword:

ICT, Innovation, Innovative, ICT in Education, Digital Classroom, E-Content

एक शिक्षक द्वारा परम्परागत शिक्षण के साथ नवाचारों को अपनाना भी बेहद जरूरी है। शिक्षण में आईसीटी के प्रयोग ने अध्यापकों के शिक्षण कौशल व उनके विषय के ज्ञान को निखारा है। एक शिक्षक शिक्षण कराते समय हमेशा अपनी आगामी पीढ़ी को पढ़ा रहा होता है।

समय के साथ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में तकनीकी समझ की जो दूरी उत्पन्न होती है, आईसीटी के प्रयोग ने उसकों कम करने का काम किया है। शिक्षण में आईसीटी का प्रयोग वर्तमान पीढ़ी को आगामी पीढ़ी के साथ तकनीकी सामंजस्य स्थापित करने में सहायता करता है।

प्रारंभिक शिक्षा में किसी विषय वस्तु के ज्ञान को छात्रों तक आसानी के साथ पहुचाने के लिए एक शिक्षक द्वारा आईसीटी का प्रयोग किया जाता है। विषय की रोचकता को बढ़ाने व अधिगम को प्रभावी बनाने के लिए आईसीटी के उपकरणों का प्रयोग कक्षा कक्ष में अधिगम को स्थाई बनाने में सहायक होता है।

जब कोई शिक्षक किसी विषय को पढ़ा रहा होता है और किसी भी  सरंचना या प्रयोग को ब्लैक बोर्ड पर समझाया जाता है, तो वह उतना प्रभावी नहीं होगा जितना की उसी सरंचना या प्रयोग को प्रोजेक्टर या कम्प्यूटर के माध्यम से 3 डी तकनीक के साथ समझाया जाये। आईसीटी ने शिक्षण कौशल के साथ साथ शिक्षकों को भी नवीन तकनीक से पढ़ाने के अवसर प्रदान किये है और छात्रों में  विषय के प्रति समझ को आसान बनाया है।

जब एक छात्र किसी भी विषय के प्रति अपने आप को असहज महशुश करता है तो आईसीटी के उपकरणों में सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाले प्लेटफार्म यूट्यूब को एक मागदर्शक के रूप में प्रयोग करता है। जहां पुरा विश्व एक क्लास रूम और पुरा विश्व ही शिक्षक व अधिगमकर्ता होता है।

आईसीटी व छात्र

ICT and students

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एक शिक्षक द्वारा आईसीटी (ICT) का प्रयोग शिक्षण में करना सर्वश्रेष्ठ है। यदि छात्र भी आईसीटी (ICT) के प्रयोग को सहजता से अपनाते है तो शिक्षण अधिगम प्रक्रिया बहुत अधिक प्रभावशाली हो जाती है। छात्र आईसीटी का प्रयोग अधिगम जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए कर सकते है।

शिक्षण में आईसीटी (ICT) का प्रयोग छात्रों की सृजनात्मकता व समस्या समाधान के कौशल का विकास करता है। छात्र स्वविवेक से सीखते है। छात्रों को विभिन्न आईसीटी उपकरणों द्वारा सीखने का मौका मिलता है। लर्निग बाई डूईंग के आधार पर छात्र आसानी से सीखते है। छात्रों को शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विभिन्न एप्लिकेशन द्वारा अलग अलग फिडबैक प्राप्त होते है। जो उनके सीखने में सहायक होते है।

आईसीटी (ICT) के उपकरणों द्वारा ही शिक्षक व छात्र दोनों को नवीन ज्ञान की प्राप्ति आसानी से हो पाती है। आईसीटी (ICT) का प्रयोग छात्रों को सीखने के दौरान अपनी समझ विकसीत करने में सहायक होता है। छात्रों को किसी विषय से सम्बंधित सूचनाओं की उपलब्धता आसानी से हो जाती है।

आईसीटी (ICT) के प्रयोग द्वारा छात्र शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के दौरान वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करते है। जो उनके समस्या समाधान कौशल को विकसीत करता है।

आईसीटी (ICT) युक्त क्लास रूम

Class room with ICT

आईसीटी के उपकरणों से युक्त क्लास रूम में उच्च ज्ञान की उपलब्धता होती है। यह क्लास रूम अधिगमकर्ता केन्द्रित होता है। जिसके कारण अधिगमकर्ता सक्रिय व व्यस्त रहता है। अधिगमकर्ता वास्तविक जीवन से जुड़ा रहता है और आईसीटी शिक्षण में किये जाने वाले विभिन्न प्रयोगों को अपने जीवन में भी करता रहता है। यह क्लास रूम एक आदर्श क्लास रूम का कार्य करते है। इसमें छात्र स्वयं सीखने का प्रयास करता है।

किसी समय शिक्षक की अनुपलब्धता होने पर भी छात्र स्वविवेक से अपना अधिगम जारी रख सकते है। किसी कार्य को करते समय असफल होने पर आईसीटी युक्त क्लास रूम छात्रों को बार बार सीखने का मौका प्रदान करता है। जो छात्रों के लिए उपयुक्त भी है और छात्रों का मनोबल भी बढता है।

परम्परागत और आईसीटी (ICT) युक्त क्लास रूम

Class room with traditional and ICT

परम्परागत क्लास रूम जहां एक कमरे तक ही सीमित रहते है। वहीं आईसीटी (ICT) युक्त क्लास रूप बाउंड्री लेस, एनीवेयर, एनी टाइम व अनलिमिटेड होते है। परम्परागत क्लास रूप में विषय वस्तु की उपलब्धता टेक्स्ट बुक, क्लास लाइब्रेरी तक ही सीमित होती है। वहीं दूसरी ओर आईसीटी (ICT) युक्त क्लास रूम में डिजीटल लाईब्रेरी, ऑनलाइन कंटेंट के रूप में उपलब्ध रहती है।

परम्परागत क्लास रूम में सीखने का एक मात्र ही रास्ता होता है। जब कि आईसीटी (ICT) युक्त क्लास रूम में छात्रों की आवश्यकता के अनुसार सीखने के अवसर उपलब्ध होते है। परम्परागत शिक्षण के साथ आईसीटी युक्त क्लास रूम उन शिक्षकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है जो स्वयं को आईसीटी के प्रयोग के प्रति असहज महसुस करते है।

शिक्षा में नवाचार के साथ आईसीटी (ICT)

ICT with innovation in education

एजुकेशन सैटलाईट आईसीटी (ICT) के नवीनतम स्वरूपों में से एक है। एडूसेट कक्षाओं ने ज्ञान दर्शन व ज्ञान वाणी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों तक गुणवतापूर्ण शिक्षा की पहुच को आसान बनाया है। एडूसेट शिक्षा के क्षेत्र में भारत का पहला शैक्षिक उपग्रह है। यह देशभर में शैक्षिक सामग्री के वितरण के लिए कक्षा कक्षों में उपग्रह आधारित दो तरफा संचार उपलब्ध कराता है। इसके द्वारा भारतीय शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के साथ साथ दूरस्थ शिक्षा के कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इनके प्रयोग से विषय विशेषज्ञों के अनुभव का लाभ ग्रामीण व दूर दराज के क्षेत्रों के बच्चों को मिल रहा है। इसने ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवतापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता को सुनिश्चित किया है।

ज्ञान दर्शन एक शैक्षिक टीवी चैनल है। जिसका प्रचार व प्रसार दूरदर्शन भारती द्वारा किया जाता है। इसके द्वारा शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण 24 धण्टे किया जाता है। यह एक ऐसा चैनल है जो शैक्षिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ साथ प्रत्येक छात्र एवं छात्रा के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। ज्ञान दर्शन चैनल के माध्यम से शैक्षिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का प्रसार किया जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप शैक्षिक एवं सामाजिक विकास की पूर्ण संभावना होती है।

ज्ञानवाणी एक शैक्षिणिक एफ एम रेडियों नेटवर्क है जो प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के साथ साथ विभिन्न पहलुओं और स्तरों से लैस कार्यक्रम प्रस्तुत करता है। रेडियों के माध्यम से समाज का शैक्षिक व सामाजिक विकास तथा समाज के उपेक्षित व शाररिक रूप से कमजोर वर्ग का सशक्तिकरण करना ही ज्ञानवाणी का मुख्य लक्ष्य है।

शिक्षक को आईसीटी (ICT) से लाभ

Teacher benefits from ICT

पिछले कुछ दशकों में नई तकनीकों ने वास्तव में हमारी दुनिया के हर पहलू को बदल दिया है। स्कूलों में ब्लैक बोर्ड और चाक का स्थान आज डिजिटल क्लास रूम ले चुके है। स्लैट की जगह बच्चों के हाथ में आजकल टेबलेट है।  किताबों का स्थान ई-कंटेंट ले रहें हैं। इन सब ने जहां शिक्षण अधिगम को आसान व सुगम बनाया है वहीं कुछ तकनीकी समस्याओं को भी जन्म दिया है।

आज प्रत्येक शिक्षक के लिए यह प्रश्न है कि-

‘‘मुझे एक शिक्षक के रूप में कैसे पता होना चाहिए कि उपलब्ध आईसीटी के संसाधनों में से कौनसे उपकरण कक्षा में मेरी शिक्षण विधियों को बदलने में सक्षम है?’’

कुछ आईसीटी (ICT) उपकरण ऐसे है जिनका उपयोग कक्षा में शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतू छात्रों के साथ किया जा सकता है। यदि हम उन छात्रों के साथ शुरू करते है जो आईसीटी से सम्बंधित क्रियाकलापों में रूचि रखते है और सामान्य रूप से अपनी कक्षा में अन्य बच्चों की तुलना में जल्द ही अपने कार्यो को पूरा करते है तो वे इस परिवर्तन को करते समय हमारे लिए एक अमूल्य स्रोत होंगे।

एक बार जब छात्र आईसीटी उपकरणों का उपयोग करना सीख जाता है, तो अपनी कक्षा में अन्य बच्चों को सिखा सकता है और शिक्षक के रूप में हम उनसे भी सीख सकते है।

एक शिक्षक के लिए शिक्षण के समय आईसीटी (ICT) का प्रयोग उसके शिक्षण कौशल को प्रभावशाली व उत्कृष्ट बनाता है। शिक्षक द्वारा अच्छी शिक्षण सामग्री के साथ प्रस्तुतिकरण छात्रों की शिक्षण के प्रति रूचि को बढ़ाता है। आईसीटी के उपयोग के प्रति जागरूक शिक्षक अपने शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न स्रोतो जैसे NIOS, NCERT, UGC, NCTE, NAAC आदि से जानकारी प्राप्त कर अपने ज्ञान को बढ़ा सकता है।

प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षक के लिए आईसीटी का प्रयोग शिक्षक व छात्र के बीच दूरिया कम करने का काम भी करता है। व्यक्तिगत शिक्षा को सतत् करने के लिए शिक्षक व छात्र दोनों के लिए ही ऑनलाइन पुस्तकालय, जर्नल व विभिन्न अनुसंधान सहायक होते है। आईसीटी का प्रयोग दुनिया भर के शिक्षकों के साथ संसाधनों को सांझा करने के लिए उपयोगी होता है। ऑनलाइन कोर्स का छात्र व शिक्षकों के लाभ के लिए उपयोग किया जा सकता है।

कक्षा कक्ष में सबसे अच्छा सीखने के लिए विभिन्न एप्लिकेशन के साथ साथ गेम्स का प्रयोग भी किया जा सकता है। विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए सहायक तकनीकों का प्रयोग अच्छा रहता है। शिक्षक के लिए आईसीटी का प्रयोग छात्र की प्रगति पर नजर रखनें में सहायक होता है। जिसके कारण वह प्रत्येक छात्र का अलग से रिकार्ड बनाकर उनकी प्रगति को मॉनिटर कर सकता है।

आईसीटी की भूमिका

Role of ICT

शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति में आईसीटी का उपयोग कर सीखने सिखाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ रोचक व प्रभावपूर्ण बनाया जा सकता है। यह कहना कतई अनुचित नहीं होगा कि ‘‘प्रौद्योगिकी शिक्षकों की जगह नही लेगी, लेकिन जो प्रौद्योगिकी का उपयोग करते है वे सम्भावित रूप से उन शिक्षकों की जगह लेगें जो इसका उपयोग नहीं करते है।’’ हमें एक शिक्षाविद्द होने के नाते इस सत्य को स्वीकार करना होगा।

आईसीटी का प्रयोग शिक्षक को प्रत्येक छात्र को शिक्षण में साथ लेकर चलने में मदद करता है। जो छात्र पिछड़ रहे होते है। वह अपने अनुसार पुनः प्रयास द्वारा सीखने का प्रयास करते है।  शिक्षक के लिए आवश्यक है कि उसकी अवधारणाओं की गहरी समझ हो। छात्र विषय की गहराई को अन्य तरीकों वेबसाइट व अन्य ऑनलाइन ई-कंटेंट की सहायता से आसानी से समझ सकते है।

जहां शिक्षक की उपलब्धता सीमित समय तक ही होती है, वहीं आईसीटी द्वारा अधिगम कहीं भी, कभी भी उपलब्ध रहता है। जब छात्र आवश्यकता महसुस करता है तो आॅनलाइन सीख सकता है। आईसीटी द्वारा सिखने में छात्र के समक्ष अन्नंत सम्भावनाएं उपलब्ध रहती है। वह सीखने के नये क्षितिज खोज सकता है।

आईसीटी का प्रयोग व्यक्ति को आजीवन सीखने की आदत डाल देता है। जिसके द्वारा व्यक्ति अपने ज्ञान को समय समय पर अपडेट रखता है। शिक्षण अधिगम में आईसीटी का प्रयोग छात्र को स्वतंत्र और रचनात्मक रूप से काम करने में सक्षम बनाता है। छात्र हर समय शिक्षक पर निर्भर नही रहते है।

शिक्षण-अधिगम में आईसीटी

ICT in teaching-learning

शिक्षण अधिगम में आईसीटी का प्रयोग अधिगम को आसान बनाकर सीखने के वातावरण में वृद्धि करता है। छात्र सहज रूप से सीख पाते है। आईसीटी द्वारा शिक्षण में विभिन्न उपकरणों का प्रयोग अधिगम को प्रभावशाली बनाता है। शिक्षण में जहां आईसीटी का प्रयोग होता है, वह शिक्षण अधिगम उत्पादक और सार्थक होते है। आईसीटी का प्रयोग शिक्षक व छात्रों को अपडेट रखता है। आईसीटी के प्रयोग से किसी भी विषय मे जो भी बदलाव होते है उन्हें आसानी से ग्रहण किया जा सकता है।

ई लर्निंग द्वारा छात्र कहीं पर भी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक से पढ़ सकते है। जिसमें वेब बेस्ड लर्निग व ऑडियो-विडियों कॉन्फ्रेंस आदी हो सकते है। आईसीटी शिक्षकों को शिक्षार्थी केन्द्रित शिक्षण वातावरण बनाने में मदद करता है। कई शिक्षक पारम्परिक शिक्षा पद्धति के समर्थन के लिए आईसीटी का प्रयोग करते है। अगर शिक्षक पारम्परिक तरीकों से पढ़ाता है तो आईसीटी उसकी मदद करती है। जैसे नये आंकडे प्रदान करने में, प्रजेंटेंशन में, एसेसमेंट में।

आईसीटी का उपयोग सार्थक परिवर्तन व सटीक शिक्षण प्रयासों के समर्थन करने के लिए किया जाता है। आईसीटी का प्रयोग छात्रों को कक्षा कक्ष में व्यस्त रखता है। जिसके लिए शिक्षण अधिगम के समय कई एप्लिकेशन का उपयोग कर सकते है।

आईसीटी से लाभ

Benefit from ICT

आईसीटी का शिक्षण अधिगम में सबसे बडा लाभ यही है कि इसके उपयोग से समय की बचत कर सकते है। विभिन्न विषयों से सम्बंधित शिक्षण अधिगम सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके कारण यह कम खर्चिली व सुलभ है। विभिन्न विषयों में प्रयोगों को भौतिक रूप से करने में अधिक खर्च व भौतिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। लेकिन आईसीटी के उपयोग से कम खर्च व भौतिक संसाधनों की सीमित उपलब्धता के साथ शिक्षण को प्रभावी बनाया जा सकता है। विभिन्न प्रयोगों व क्रियाकलापों को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम किया जा सकता है

आईसीटी का प्रयोग इंटरएक्टिव सीखने का अनुभव प्रदान करता है। यह छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करता है। आईसीटी शिक्षण अधिगम की विभिन्न शैलियों का प्रयोग बताता है। जिससे कठिन अवधारणाओं को समझने में सहायता प्रदान करता है। आईसीटी का प्रयोग शिक्षकों की रचनात्मकता को बढ़ाता है। सीखने में विविधता और लचीलापन प्रदान करता है।

शिक्षण में आईसीटी

ICT in teaching

आईसीटी के प्रयोग द्वारा एक शिक्षक अपने शिक्षण की पाठ योजना को बहुत ही आकर्षक व प्रभावशाली बना सकता है। आईसीटी के प्रयोग से शिक्षण की गुणवतापूर्ण विषय वस्तु का प्रस्तुतिकरण कर पाना आसान होता है। जैसे विज्ञान विषय में विभिन्न प्रयोगों और सरंचनाओं को आईसीटी उपकरणों की सहायता से आसानी से समझाया जा सकता है।

गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए आईसीटी का प्रयोग विषय की समझ को बढ़ाता है। शिक्षक के द्वारा आईसीटी के प्रयोग से व्यक्तिगत कार्य प्रत्रक व उसका रिकार्ड रखना आसान होता है। छात्र उपस्थिति का रिकार्ड संधारण में भी आईसीटी उपकरण बहुत उपयोगी है। आईसीटी के उपयोग से शिक्षक स्वमूल्यांकन के साथ साथ छात्रों का मूल्यांकन भी आसानी से कर सकता है।

आईसीटी युक्त कक्षा कक्ष को अभ्यास में सक्षम बनाना

Enabling ICT class room to practice

आईसीटी युक्त कक्षा कक्ष में प्रारम्भ से ही आईसीटी उपकरण सीखने के उपयोग के नियम निर्धारित कर लेने चाहिए। इसके लिए शिक्षण के समय विभिन्न समूह बनाये और गतिविधियों का संचालन करें। शिक्षण अधिगम हेतु ऑडियो-विडियों के साथ साथ इंटरएक्टिव वाइट बोर्ड व विडियों गेम्स का प्रयोग कर सकते है।

स्वतंत्र रूप से सिखने में आईसीटी

ICT in learning independently

शिक्षण अधिगम में आईसीटी का प्रयोग छात्रों को स्वतंत्र रूप से खोजने की अनुमती प्रदान करता है। यह छात्रों को अनुसंधान और जानकारी इकट्ठा करने में मार्गदर्शन करता है। नई ज्ञान को पुराने अनुभव के साथ शेयर करने में सहायता करता है। आईसीटी का प्रयोग छात्रों को समस्या समाधान के लिए प्रोत्साहित करता है तथा निष्कर्ष निकालने में मदद करता है।

निष्कर्ष

The conclusion

आईसीटी का प्रयोग शिक्षक को पढ़ाने के लिए असीमित अवसर प्रदान करता है। यह शिक्षक के शिक्षण कौशल के साथ साथ अधिगम की गुणात्मकता को बढ़ाता है। परम्परागत शिक्षण की तकनीकी दूरियों को कम करता है। आईसीटी उपकरण सीखने की जरूरतों को पुरा करते है। यह कभी भी, कही भी सीखने की अवधारणा को साकार करता है। छात्र व शिक्षक के लिए नवीनतम ज्ञान के मार्ग सदैव खुले रहते है। जो उनके व्यक्तिव को निखारता है।

पिछले कुछ वर्षो में शिक्षा को तकनीक से जोड़ने के लिए जो भी प्रयास हुए है वह बहुत सराहनीय है। शैक्षिक क्षेत्र में जो शिक्षक तकनीक को अपनायेगें वहीं मुख्यधारा के साथ चल पायेगें। आगामी वर्षो के लिए यह परिकल्पना की जा सकती है कि आने वाला समय नये अविष्कारों व नवाचारों का होगा। अगर आज का शिक्षक वर्तमान में उपलब्ध तकनीकी उपकरणों और नवाचारों को नहीं अपना रहा है तो उसे अपने अस्तित्व के लिए भविष्य में संधर्ष करना ही होगा।

Hukam Chand Chaudhary
Hukam Chand Chaudhary

लेखक : – Mr. HC Chaudhary

Teacher,

Bikaner, Rajasthan,


Meet The Teachers

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