Hindi Divas ka Mahatva: Bhasha aur Culture ka Celebration September 14
हिंदी दिवस की महत्ता : संजीव कुमार बेदी
Hindi Divas ka Mahatva: Bhasha aur Culture ka Celebration

हमें भाषा की आवश्यकता क्यों पड़ती है? जो भी संसार में आता है वह अपने आप को अभिव्यक्त करना चाहता है चाहे वह इंसान हो, पक्षी और जानवर हो । अभिव्यक्ति कई माध्यमों से होती है भाषा एक ऐसा माध्यम है जो हमारे भावों को, विचारों को, क्रियाकलापों को बताने का साधन है इसलिए भाषा की आवश्यकता हमेशा होती है।
भाषा की अहम् भूमिका है भाषा एक रीड की हड्डी के समान है क्योंकि जिस प्रकार से पूरे शरीर को एक रीड की हड्डी संभाले रखती है। उसी प्रकार ज्ञान के भंडार को भाषा की आवश्यकता होती है । बिना भाषा के ज्ञान का अस्तित्व नहीं रहेगा। व्यक्त करने की भाषा मौखिक, लिखित या संकेतिक हो सकती है लेकिन माध्यम आवश्यक है। भारत बहु भाषीय देश है।
भारत को भाषा के आधार पर समाहित रखने का कार्य हिंदी भाषा करती है। हमारे लिए हिंदी भाषा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। हम भारतीयों के लिए हिंदी भाषा का अत्यधिक महत्व है।
हरिवंश राय बच्चन ने कहा है निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल जब तक अपनी भाषा उन्नति नहीं करती है तब तक उस राष्ट्र का नागरिक उन्नति नहीं कर सकता।
हम अपनी भाषा में जितना जल्दी सीखते हैं उतना जल्दी अन्य भाषाओं में नहीं सीखते हैं। हमारी जो हिंदी भाषा है। वह हमारी हिंदी संस्कृति से जुड़ी हुई है। हमारे साहित्य को सही तरीके से समझाने में एक मातृभाषा है वह है हिंदी। दूसरी भाषा इतना अच्छा नहीं समझा सकती।
जितना हमें मां बोलने में आनंद आता है उतना मदर बोलने में नहीं आता है। 14 सितंबर को देश भर में हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मनाए जाने वाला एक वार्षिक समारोह है। यह दिवस पूरे भारत में मनाया जाता है। भारत विविधता वाला देश है। यहां हर राज्य की अलग अलग सांस्कृतिक, राजनीतिक, और ऐतिहासिक पहचान है।
यही नहीं सभी जगह की बोली भी अलग है। इसके बावजूद हिंदी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। यही वजह है कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। उन्होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था।
भारत में इस दिन प्रायोजित कार्यक्रम कार्यालयों, स्कूल बैंकों में अत्यधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है । इस अवसर को त्योहार के रूप में मनाने के पीछे प्राथमिक उद्देश्य हिंदी भाषा की संस्कृति को बढ़ावा देना और फैलाना है। देश की स्वतंत्रता और विकास में हिंदी भाषा की अहम भूमिका है ।
हिंदी से ही हिंद है। विश्व की सबसे बड़ी भाषा हिंदी है। अब हिंदी राष्ट्रभाषा की गंगा से विश्व भाषा का महासागर बन रही है । भारत में बच्चों की शिक्षा का सर्वाधिक उपयुक्त माध्यम हिंदी है सबसे बड़ी बात हिंदी भाषा जैसे बोली जाती है वैसे लिखी जाती है । दूसरी भाषाओं में कई अक्षरों का उच्चारण नहीं होता है और कई अक्षरों का उच्चारण लोग अलग-अलग तरह से करते हैं। लेकिन हिंदी के साथ ऐसा नहीं होता है। इसलिए हिंदी को बहुत सरल भाषा कहा जाता है।
हिंदी अति उदार समझ में आने वाली भाषा होने के साथ-साथ भारत की राष्ट्रीय चेतना की संवाहिका भी है। इस बार कोरोना महामारी के कारण हम इस दिवस को ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से आयोजित करेंगे और गाइड लाइन के माध्यम से हिंदी दिवस (Hindi Divas) को मनाया जाएगा। जो हमारे उत्साह को कम नहीं कर सकता और हिंदी भाषा को अपनाने का संकल्प लेंगे।
हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं , मनुष्य जाति को ज्ञान ,शांति, तृप्ति प्रदान करने वाली हमारी मातृभाषा है । सामाजिक, कला और संस्कृति की विचारधाराओं को सदियों से जोड़े रखने का माध्यम रही है।
विश्व हिंदी दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Hearty greetings to everyone on World Hindi Divas.
Hindi Divas ka Mahatva: Bhasha aur Culture ka Celebration
Importance of Hindi Day: A Celebration of Language and Culture :
Hindi Divas, celebrated annually on September 14, is dedicated to honoring and promoting Hindi, India’s official language. This day commemorates September 14, 1949, when the Constituent Assembly adopted Hindi, written in the Devanagari script, as the official language of India. Hindi, an Indo-Aryan language, is the third most spoken language globally, with approximately 600 million speakers. It plays a vital role in unifying India’s cultural and linguistic diversity.
Hindi Divas ka Mahatva: Bhasha aur Culture ka Celebration
लेखक
Hindi Divas ka Mahatva: Bhasha aur Culture ka Celebration
संजीव कुमार बेदी
वरिष्ठ अध्यापक
राजकीय माध्यमिक विद्यालय अकंकावाली श्रीगंगानगर
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