Heeralal jat (Excel Guru): शिक्षा विभाग में कंप्यूटर वर्क के नवाचार के लिए बनी अनूठी पहचान

Heeralal jat (Excel Guru): शिक्षा विभाग में कंप्यूटर वर्क के नवाचार के लिए बनी अनूठी पहचान
राजस्थान पुलिस विभाग में तीन साल की सेवा के बाद, Heeralal jat 2005 में शिक्षा विभाग में आए। यहाँ भी उन्होंने अपनी अलग सोच और काम करने की चाह को बरकरार रखा। अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए उन्होंने कंप्यूटर को माध्यम बनाया।
पुलिस विभाग में रहते हुए Heeralal jat ने साइबर क्राइम के मामलों में उस समय के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं आईटी एक्सपर्ट हेमंत शर्मा के निर्देशन में कार्य किया था। जब शिक्षा विभाग में आए तो यहाँ कंप्यूटर कार्य की हालत देखकर थोड़ी मायूसी जरूर हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। ठान लिया कि इसी क्षेत्र में कुछ नया और उपयोगी करके दिखाना है।
इसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के सभी कंप्यूटर संबंधी कार्यों को चरणबद्ध तरीके से सबसे पहले अपने सोजत ब्लॉक में कम्प्यूटरीकृत किया।
Heeralal jat की पहली नियुक्ति पाली जिले के सोजत ब्लॉक के सबसे दूरस्थ स्कूल में हुई थी, जहाँ आधुनिक सुविधाओं का अभाव था। घर से 70 किमी दूर होने और परिवहन की उचित सुविधा न होने के कारण उन्होंने विद्यालय के नजदीक पोटलिया गांव को ही अपना निवास बना लिया। यहाँ के लोग अधिकतर कृषक और मजदूर वर्ग के थे, जिससे शिक्षा का माहौल बहुत कमजोर था। उन्होंने बच्चों के लिए नियमित दिन के अलावा सुबह और शाम को भी एक्स्ट्रा क्लास लगाकर पढ़ाया। इसका सुखद परिणाम यह हुआ कि आठवीं बोर्ड परीक्षा में सभी बच्चे प्रथम श्रेणी से पास हुए। अब गांव के लोग भी उनसे घुलमिल गए।
उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को भी महत्व दिया। स्टाफ की कमी के बावजूद शाम को खेलकूद का समय निर्धारित किया। अगले ही वर्ष विद्यालय ने कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लिया और जिला स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त किया। दस वर्षों के भीतर यह गांव पढ़ाई और खेल दोनों में सोजत ब्लॉक में अग्रणी हो गया। यहां से 28 विद्यार्थी राज्य स्तर पर भी खेले। 2006 से 2010 तक लगातार आठवीं बोर्ड में सभी बच्चे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए।
साथ ही उन्होंने कक्षा 5 के विद्यार्थियों को जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी करवाई, जिससे तीन साल में छह विद्यार्थी चयनित हुए। अपने मूल कार्य के साथ-साथ उन्होंने कंप्यूटर वर्क में भी नवाचार करने की ठानी। 2008 तक पोटलिया गांव के बच्चे कंप्यूटर को देखे तक नहीं थे, लेकिन अब वे न केवल कंप्यूटर के बारे में जानने लगे बल्कि उस पर प्रैक्टिकल वर्क भी करने लगे।
Heeralal jat ने खाली समय में एक्सेल एप्लिकेशन का उपयोग कर विभाग के लिए अनेक नए-नए सॉफ्टवेयर भी बनाए।
2012 में जब व्हाट्सएप का चलन बढ़ा, तो उन्होंने स्कूल से संबंधित अपने बनाए हुए सभी सॉफ्टवेयर व्हाट्सएप के माध्यम से पूरे राजस्थान में साझा किए। उनके एक्सेल प्रोग्राम धीरे-धीरे राजस्थान के हर कोने तक पहुँच गए। शिक्षकों ने इनके उपयोग से विभागीय कार्य को बेहद सरल पाया, जिससे घंटों का काम अब चंद पलों में होने लगा। ऑफलाइन होने के कारण ये एक्सेल एप्लिकेशन दूरदराज और बिना नेटवर्क वाले इलाकों में भी उपयोगी साबित हुए।
2017 में सातवां वेतनमान लागू हुआ, जिससे कार्मिकों के वेतन निर्धारण और फिटमेंट की जटिल समस्या खड़ी हो गई। Heeralal jat द्वारा बनाए गए “7th Pay Fixation” एक्सेल प्रोग्राम ने न केवल शिक्षा विभाग बल्कि अन्य विभागों में भी वेतन निर्धारण को सरल बना दिया। यह एक्सेल यूटिलिटी इतनी लोकप्रिय हुई कि राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और दिल्ली तक इसका उपयोग बड़े उत्साह से किया जाने लगा।
उन्होंने इंकम टैक्स गणना प्रपत्र भी तैयार किया, जिसे राजस्थान समेत पूरे देश के शिक्षक हर वर्ष प्राथमिकता से इस्तेमाल करते हैं। स्कूल के अन्य दस्तावेज जैसे डाक, पोषाहार, रिज़ल्ट शीट, परीक्षा परिणाम, शाला संक, वेतन विपत्र, एरियर शीट आदि के लिए भी उन्होंने करीब 150 से ज्यादा ऑटो-जनरेट प्रोग्रामिंग यूटिलिटी बनाई हैं, जो विभिन्न वेबसाइट्स और मोबाइल एप्स पर उपलब्ध हैं।
हाल ही में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने “सीखो और सिखाओ” के ध्येय वाक्य के साथ यूट्यूब चैनल पर एक्सेल की बारीकियाँ सिखाने की कक्षाएँ शुरू कीं। शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के दस हजार से अधिक साथीगण नियमित रूप से ये कक्षाएँ देख रहे हैं और एक्सेल का काम सीख रहे हैं। इससे कार्यालय में नव नियुक्त कार्मिकों को भी कार्य सीखने में सहायता मिल रही है।
इसके अलावा, SMILE कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने बच्चों को जोड़ने के साथ-साथ स्वयं की बनाई सामग्री बच्चों तक पहुँचाने का कार्य किया। गूगल फॉर्म के माध्यम से छात्रों के टेस्ट आयोजित करने और गूगल ऑनलाइन क्लासेज के जरिए कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थियों को नियमित गृहकार्य भी दे रहे हैं।
डिजिटल भारत के सपने को साकार करने में Heeralal jat ने अपनी कार्यकुशलता से शिक्षा विभाग में एक अनूठी पहचान बनाई है। उनका नवाचारपूर्ण और समर्पित कार्य ही उन्हें सबसे अलग और खास बनाता है, जिसकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है।
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