Chhaganlal Meghwal (Meet The Teachers 2020): A Dedicated Educator Transforming Rural Education

Chhaganlal Meghwal (Meet The Teachers 2020): A Dedicated Educator Transforming Rural Education
विद्यार्थियों के समग्र विकास को अपना ध्येय मानने वाले एवं विद्यालय के विकास के लिए समर्पित प्रधानाध्यापक Chhaganlal Meghwal एक नवाचारी शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं। मूलतः सिरोही जिले के कालन्द्री गांव के निवासी Chhaganlal Meghwal की नियुक्ति 4 अगस्त 2017 को निकटवर्ती मेरमंडवाड़ा ग्राम पंचायत के रतनगढ़ नामक 80 घरों वाले गांव में हुई। वे 4 अगस्त 2017 से वर्तमान तक राजकीय प्राथमिक विद्यालय, रतनगढ़ में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं। उनके छात्रों के प्रति स्नेहपूर्ण व्यवहार और गतिविधि-आधारित शिक्षण पद्धति की ग्रामवासियों द्वारा खुले दिल से प्रशंसा की जाती है।
4 अगस्त 2017 को उनकी नियुक्ति के समय विद्यालय में नामांकन मात्र 8 था, जिसमें से केवल 3-4 विद्यार्थी प्रतिदिन उपस्थित होते थे। Chhaganlal Meghwal ने ग्रामवासियों और अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर उन्हें निजी विद्यालयों से सरकारी विद्यालय में प्रवेश के लिए प्रेरित किया। उनके अथक प्रयासों से दो वर्षों में विद्यालय का नामांकन बढ़कर 63 हो गया, जिसमें 36 बालिकाएं शामिल हैं। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उनके विशेष प्रयासों के लिए 15 अगस्त 2019 को जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, स्थानीय विधायक, और जिला कलेक्टर द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।
Chhaganlal Meghwal ने विद्यालय में रहते हुए विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ हर संभव सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया है। उन्होंने भामाशाहों को प्रेरित कर खंडहर हो चुके विद्यालय भवन की मरम्मत करवाई और दीवारों पर जानकारीपूर्ण भित्ति चित्र बनवाए, जिससे विद्यार्थी खाली समय में विभिन्न जानकारियां प्राप्त करते हैं।
उनके द्वारा किए गए प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
भित्ति चित्रकारी: स्वयं के वेतन से विद्यालय भवन की दीवारों पर आकर्षक और शिक्षाप्रद चित्रकारी करवाई।
4 अगस्त 2017 से तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर कार्यरत: उन्होंने एकल अध्यापक के रूप में कार्य करते हुए विद्यालय का नामांकन 8 से बढ़ाकर 63 किया।
15 अगस्त 2019 को सम्मान: जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिला कलेक्टर और उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा सम्मानित।
नामांकन वृद्धि: नियुक्ति के समय मात्र 8 विद्यार्थियों का नामांकन था, जिसमें से केवल 3-4 बच्चे उपस्थित होते थे। दो वर्षों में नामांकन 63 तक पहुंचा।
वर्दी वितरण: अपने एक मित्र के सहयोग से गरीब बच्चों को विद्यालय वर्दी वितरित की।
निजी स्कूलों से प्रवेश: विद्यालय समय के बाद निजी स्कूलों के बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप अगले वर्ष निजी स्कूलों से टीसी कटवाकर विद्यार्थियों ने इस विद्यालय में प्रवेश लिया।
विद्युत व्यवस्था: भामाशाहों के सहयोग से विद्यालय में विद्युत कनेक्शन, लाइट फिटिंग, और कमरों में पंखे लगवाए।
बेटी बचा, बेटी पढ़ाओ: इस अभियान के तहत विशेष जागरूकता फैलाई, जिसके परिणामस्वरूप विद्यालय में 63 में से 36 बालिकाएं अध्ययनरत हैं।
धन संग्रह: गांव के युवाओं को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़कर विद्यालय विकास के लिए 40,000 रुपये की राशि एकत्रित की।
स्टेशनरी वितरण: स्वयं के खर्चे पर सभी बच्चों को स्टेशनरी सामग्री वितरित की।
चारदीवारी और खेल मैदान: ग्राम पंचायत के सहयोग से विद्यालय की चारदीवारी का निर्माण और 5 बीघा जमीन में खेल मैदान का विकास करवाया।
रंगाई-पुताई: सत्र 2018-19 में भामाशाहों के सहयोग से विद्यालय में शानदार रंगाई-पुताई करवाई।
पेंटिंग कार्य: स्वयं के खर्चे पर विद्यालय में आकर्षक पेंटिंग कार्य करवाया।
टाई-बेल्ट वितरण: मित्रों के सहयोग से सभी विद्यार्थियों को टाई और बेल्ट वितरित किए।
मिनी स्टेशनरी बैंक: मित्रों और स्वयं के खर्चे से सिरोही जिले में प्रथम मिनी स्टेशनरी बैंक स्थापित किया, जहां गरीब छात्रों को निःशुल्क स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है।
स्वेटर वितरण: भामाशाहों के सहयोग से प्रतिवर्ष विद्यार्थियों को स्वेटर वितरित करवाए।
स्मार्ट क्लास: स्वयं के खर्चे पर विद्यालय में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की।
जन्मदिन उत्सव: शिक्षकों और विद्यार्थियों के जन्मदिन को उत्साहपूर्वक मनाना और छात्रों को आवश्यक सामग्री वितरित करना।

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