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Chani Airy (Meet The Teachers 2020): संघर्ष से जीत की कहानी

Chani Airy (Meet The Teachers 2020): संघर्ष से जीत की कहानी

Chani Airy
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Chani Airy (Meet The Teachers 2020): संघर्ष से जीत की कहानी

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी, बिलासपुर की Chani Airy, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पंधी, विकासखंड मस्तूरी में 2009 से पदस्थ हैं। यह स्कूल क्षेत्र का सबसे पुराना और बड़ा विद्यालय भी है। प्रारंभ में भौतिक संसाधनों की कमी जरूर थी, लेकिन ग्रामीणों और विद्यालय स्टाफ के सहयोग से इस कमी को पूरा कर लिया गया।

बिलासपुर शहर में जन्मी Chani Airy को स्कूल की दूरी शुरू में बहुत अधिक लगती थी, क्योंकि उनका जीवन बिलासपुर शहर में ही बीता और उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल (जो उस समय हिंदी मीडियम स्कूलों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता था) से पढ़ाई की।

ब्राह्मण परिवार में जन्मी Chani Airy को उनके परिवार ने संस्कारों और अच्छी शिक्षा के महत्व को देखते हुए किसी इंग्लिश मीडियम स्कूल में न डालकर हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ाया। पढ़ाई, पेंटिंग, खेलकूद और अन्य गतिविधियों में शुरू से ही उनकी रुचि रही। उन्होंने बीएससी (माइक्रोबायोलॉजी) की पढ़ाई की और फिर एमएससी वनस्पति शास्त्र में प्रवेश लिया, क्योंकि माइक्रोबायोलॉजी में उनके शहर में उस समय तक एमएससी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी।

राज्य स्तरीय खेल, नाट्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में वे भाग लेती थीं। प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने के कारण उन्हें स्नातक स्तर पर छात्रवृत्ति भी मिली। इस प्रकार वे बचपन से ही विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रहीं।

जीवन में कुछ जटिल परिस्थितियों का भी सामना किया, लेकिन कभी रुकी नहीं। कठिनाइयों से जूझने के बाद वे फिर से अपने पैरों पर खड़ी हुईं। इसका श्रेय वे अपने पापा श्री हेमचंद ऐरी को देती हैं।

2003 से 2009 तक उन्होंने शहर के सीएमडी कॉलेज में वनस्पति शास्त्र विषय पढ़ाया, जहाँ वे असिस्टेंट प्रोफेसर (एडहॉक) के रूप में कार्यरत रहीं। इस बीच परिस्थितियों के अनुरूप उन्होंने बी.एड भी किया और साथ ही पीएससी, बैंक जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी की। भविष्य के लिए नौकरी आवश्यक थी, इसलिए प्रयास लगातार जारी रहा। पीएससी प्री में चयन भी हुआ, लेकिन आगे सफलता न मिलने पर अन्य परीक्षाएं भी दीं। इसी दौरान 2008 में व्यापम द्वारा आयोजित शिक्षाकर्मी परीक्षा में उनका चयन हुआ और तब से वे स्कूली शिक्षा से जुड़ गईं।

शुरुआत में Chani Airy ने कई वर्षों तक हाईस्कूल में भी पढ़ाया। लेकिन प्रिंसिपल बदलने और अन्य बदलावों के चलते हाईस्कूल की कक्षाएं छोड़कर अपने मिडिल स्कूल की ओर रुख किया। बच्चों के बीच रहना और खेल-खेल में पढ़ाई कराना उन्हें शुरू से पसंद था। वे बच्चों के लिए नये-नये प्रयोगों और तरीकों से शिक्षा को रुचिकर बनाने का प्रयास करती रहीं।

स्कूल में अनेक समस्याएं आईं, परंतु Chani Airy कभी रुकी नहीं। बच्चों के प्यार और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने नवाचारी और उत्कृष्ट शिक्षक की श्रेणी में जगह बना ली। विकासखंड स्तर पर 2017 में उन्हें उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार भी मिला।

उन्होंने 50 से अधिक राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से ऑनलाइन कोर्स किए हैं। 2019 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के शिक्षा मंत्री के हाथों क्वालिटी इनीशिएटिव समूह का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। इसके अलावा मास्टर ट्रेनर निखार का स्टेट लेवल प्रोग्राम और नेशनल लेवल की निष्ठा ट्रेनिंग में भी वे की-रिसोर्स पर्सन हैं। राज्य स्तरीय बाल पत्रिका में उनकी कविताएं और लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वे इस पत्रिका की सदस्य एवं जिला प्रभारी लेखन का दायित्व भी निभा रही हैं।

बच्चों के सर्वांगीण विकास को अपना पहला धर्म मानकर Chani Airy हमेशा तत्पर रहती हैं। वे बताती हैं, “बच्चे भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं। जो बच्चे पढ़कर स्कूल से निकल गए हैं, वे भी आज तक जुड़े हुए हैं। कई बच्चों के तो बच्चे भी अब मिडिल स्कूल में पहुंच गए हैं, जिन्हें मैं पढ़ा रही हूं।”

विज्ञान को रुचिकर बनाने के लिए वे खेल-खेल में, कविता, कहानी और अन्य माध्यमों से पढ़ाती हैं। गांव के बच्चों को ICT के माध्यम से भी पढ़ाने का प्रयास करती हैं। बच्चे इन तरीकों से पढ़ाई में बहुत रुचि लेते हैं और सीखते हैं।

वैश्विक महामारी के समय भी Chani Airy ने बच्चों से मोबाइल और अन्य माध्यमों से संपर्क बनाए रखा और ‘पढ़ाई तुंहरे दुआरी’ जैसी छत्तीसगढ़ शासन की नि:शुल्क ऑनलाइन शिक्षा योजना में भी निरंतर काम किया। वे पोर्टल पर सामग्री तैयार करने का कार्य भी करती हैं ताकि बच्चे बेहतर सामग्री देखकर भी सीख सकें।

इस प्रकार Chani Airy संघर्ष और मेहनत से निरंतर आगे बढ़ती रहीं और आज भी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही हैं।


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